रांची(RANCHI): झारखण्ड में ट्रांसफर पोस्टिंग का बड़ा खेल हर बार होता रहा है. हर सरकारी बाबू को मनचाही जगह पोस्टिंग दी जाती है, लेकिन हद तो तब हो गई जब पलामू में शिक्षा विभाग की ओर से एक अधिसूचना निकाली गई. जिसे देख कर ऐसा लग रहा है कि यह ट्रांसफर पोस्टिंग नहीं बल्कि कमरा बदली करने का नोटिफिकेशन निकाला गया हो. बिल्डिंग तो छोड़िये सिर्फ कमरा बदल कर ट्रांसफर की यह औपचारिकता पूरी कर ली गई. लम्बे समय से एक ही जगह पर जमे अधिकारी का तबादला कर दिया गया. ऐसे में सवाल इस पूरे ट्रांसफर-पोस्टिंग की प्रक्रिया पर उठने लगा है.
दरअसल क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक पलामू प्रमंडल के कार्यालय से एक कार्यलय आदेश जारी किया गया. जिसमें बड़े ही साफ़ शब्दों में लिखा गया क्षेत्रीय कार्यालय में पदस्थापित लिपिक को स्थानांतरित किया गया. उसके नीचे पूरी लिस्ट है. लिस्ट को एक नजर देखने से ही मालूम चल जायेगा कि आखिर तबादला किस आधार पर किया गया है, और इसके पीछे कैसा खेल हुआ है.
क्षेत्रीय शिक्षा संयुक्त निदेशक की ओर से इसे जारी किया गया. इसमें बताया गया है कि बीते 31 जूलाई 2025 को जिला स्थापना समिति की बैठक हुई है. इस बैठक में निर्णय लिया गया है कि किसे कहां भेजना है. ऐसे में जब आदेश सामने आया तो कई लोगों ने सवाल उठाया है. पूछ रहे हैं कि आखिर किस आधार और माप दंड पर इस तरह का तबादला किया गया है. इससे अच्छा आदेश ही जारी नहीं करते.
अब सवाल है कि तबादला क्यों होता है. किसी कार्यालय से दूसरे जगह क्यों किसी को भेजा जाता है. इसीलिए ना की खुद को एक जगह कोई सरकारी दफ्तर में रहेगा तो काम कम और रजनीति ज्यादा करेगा. किसी का दबदबा किसी सरकारी कार्यालय में ना रहे.और कोई खुद के कार्यालय को घर ना समझने लगे. लेकिन जब इस तरह से एक कमरे से दूसरे कमरे में भेजा जायेगा तो फिर इसे तबादला कैसे बोल सकते है.
अब पूरे मामले में सामाजिक कार्यकर्ता कोर्ट जाने की बात बोल रहे है. जिससे शिक्षा विभाग दुरुस्त हो सके. ख़ास कर पलामू जैसे पिछड़े जिले में शिक्षा का स्तर गिरता जा रहा है. सरकारी स्कूलों में सिर्फ नाम की पढ़ाई हो रही है. इसके पीछे की वजह है कि सरकारी शिक्षक से लेकर अधिकारी लम्बे समय से एक जगह पर जमे होना.
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