टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : पहलगाम में हुए आतंकी हमले से पूरा देश गुस्से में है, 28 लोगों की हत्या से लोगों की आंखें नम हैं. इस हत्या को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं. धर्म पूछकर गोली मार दी गई. घटना के कई वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आए. इस 28 लोगों की सूची में एक नाम सैयद आदिल का भी है, जो मूल रूप से कश्मीर का रहने वाला है. लोग यह भी सवाल पूछ रहे हैं कि जब नाम पूछकर हत्या की जा रही थी तो आदिल की हत्या कैसे हो गई. फिर एक ऐसा परिवार सामने आया है जो आतंकियों के सामने हिंदू परिवार के लिए ढाल बनकर खड़ा हुआ और वहां से भगाकर परिवार को ले गया.
बात करते हैं सैय्यद आदिल की. आदिल घोड़े की सवारी कराता था. 22 अप्रैल को भी वह एक पर्यटक के साथ पहलगाम पहुंचा था. उसके घोड़े पर सवार पर्यटक घूम रहे थे. इसी दौरान आतंकी पहुंचे और एक-एक कर हत्याएं करनी शुरू कर दीं. इस बीच आतंकी आदिल के घोड़े पर सवार पर्यटक के पास पहुंचे और उसे मारने की कोशिश कर रहे थे, तभी आदिल ने आतंकियों की हथियार छीनने की कोशिश की. जिसके बाद आदिल को दूसरे आतंकी ने पीछे से गोली मार दी.
आदिल के अंतिम संस्कार में मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी शामिल हुए और आदिल के परिवार को हिम्मत और हौसला दिया. आदिल की मां ने कहा कि उनका बेटा आतंकियों से लड़ रहा था और घोड़े पर सवार पर्यटकों को बचाते हुए उनके बेटे की भी मौत हो गई. उन्होंने कहा कि आज देश ने 28 बेटों को खो दिया है और वे इसका बदला लेना चाहते हैं. उन्होंने यह भी बताया कि आदिल परिवार का इकलौता कमाने वाला बेटा था और परिवार उसके कंधों पर चल रहा था.
नजाकत अली बने कई परिवार के ढाल
कश्मीर के रहने वाले नजाकत अली ने छत्तीसगढ़ के चार परिवारों की जान बचाई. दरअसल छत्तीसगढ़ के चिरमिरी के कुल 11 लोग कश्मीर गए थे सभी कारोबार से जुड़े थे. कुलदीप स्थापक अरविंद अग्रवाल और शिवांश जैन का परिवार 11 लोगों के साथ गए थे. कुलदीप स्थपक के मामा राकेश पाराशर ने बताया कि वे नजाकत को पहले से जानते थे और कश्मीर जाने के बाद भगवान की कृपा थी कि उन्होंने नजाकत अली को बुलाया. जब आतंकी नाम पूछ रहे थे और गोलियां चला रहे थे, तब नजाकत सबको साथ लेकर वहां से भाग रहा था, वह हाथ जोड़कर आतंकियों के सामने खड़ा था और दल बनाकर परिवार के 11 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लाया. उन्होंने बताया कि नजाकत ने उन्हें दोहरी जिंदगी दी, अगर वह नहीं होता तो शायद आज हमारा परिवार वहां नहीं होता.
रिपोर्ट-समीर
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