हाजीपुर(HAJIPUR):बिहार में चुनावी माहौल गरमा रहा है और इसी के साथ जनता भी अपने जनप्रतिनिधियों से पिछले पाँच साल का हिसाब-किताब मांगने लगी है. अब हालात ऐसे हैं कि काम नहीं करने वाले नेताओं की फजीहत सामने आने लगी है.वैशाली जिले के लालगंज विधानसभा से बीजेपी विधायक संजय कुमार सिंह को जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा. हाल ही में वायरल हुई एक तस्वीर और वीडियो में देखा गया कि स्थानीय लोगों ने विधायक को कुर्सी पर बिठाकर पंचायत वाले अंदाज में सवाल-जवाब शुरू कर दिया.

जनता का सीधा सवाल-काम कहाँ हुआ?

इलाके के वसंता जहानाबाद गांव के लोग लंबे समय से खराब सड़कों और विकास कार्यों की अनदेखी को लेकर नाराज़ थे. 27 अगस्त को उन्होंने "रोड नहीं तो वोट नहीं" का ऐलान कर दिया और जगह-जगह पोस्टर-बैनर टांगकर विरोध जताना शुरू कर दिया.इसकी खबर मिलते ही विधायक संजय सिंह लोगों को मनाने पहुंचे, लेकिन जनता सवाल-जवाब के मूड में थी.ग्रामीणों ने सड़क की बदहाली पर कड़ा विरोध जताया.

लोगों ने विधायक से सीधे पूछा कि पांच साल में आखिर काम कहाँ हुआ?

जवाब देने के बजाय विधायक पहले बहाने बनाते दिखे कि उन्हें इस सड़क की जानकारी नहीं थी.मुझे चुनाव की फिक्र नहीं विधायक का बयान.जैसे-जैसे जनता का दबाव बढ़ा, विधायक जी बिदक गए और उल्टे लोगों को ही धमकाने लगे.उन्होंने गुस्से में कह डाला.जाओ वोट नहीं देना, मुझे चुनाव की फ़िक्र नहीं.तुम्हारे वोट देने-न देने से मुझे फर्क नहीं पड़ता.उनके इस बयान ने माहौल और गर्मा दिया. गुस्साए लोग विधायक से सवाल पर सवाल करते रहे, जबकि विधायक वहां से निकलते दिखाई दिए.

जनता खूब लग रही है नेताओं की क्लास

नेताओं पर जनता का बढ़ता दबाव,यह पहली घटना नहीं है जब जनता ने नेताओं को घेरा हो.हाल ही में समस्तीपुर में जेडीयू नेता अशोक चौधरी को जनता के बीच मंच से ही विरोध का सामना करना पड़ा.मंत्री श्रवण कुमार को भी लोगों ने कड़े विरोध के बाद खदेड़ दिया.इन घटनाओं से साफ है कि चुनावी साल में जनता अब नेताओं से सीधे काम का हिसाब मांग रही है.

लोकतंत्र पर सवाल

सबसे बड़ी चिंता की बात यह है कि जनता के सवालों से घिरे कुछ नेता जनता को ही धमकाने लगते है. वोटरों को अपमानित करने वाली ऐसी तस्वीरें न सिर्फ लोकतांत्रिक मूल्यों को ठेस पहुंचाती हैं, बल्कि मताधिकार की गरिमा को भी कमज़ोर करती है.आने वाले दिनों में देखना दिलचस्प होगा कि जनता के सवालों का सामना करने वाले नेता अपने कामकाज से जवाब देंगे या सिर्फ धमकाने और टालने की राजनीति करेंगे.