टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : PM-CM को हटाने वाला विधेयक लोकसभा में पेश होने के बाद से सियासत गरमा गई है. लोकसभा में बिल पेश होने के बाद विपक्ष ने जोरदार हंगामा किया. यहां तक की विपक्ष ने बिल की कॉपी फाड़ दी. इस बिल की लोकसभा में जोरदार हंगामा होने के बावजूद JPC (संयुक्त संसदीय समिति ) को भेज दिया गया.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बुधवार को लोकसभा में प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को हटाने वाला विधेयक पेश किया, जिस पर विपक्ष ने हंगामा किया. इस विधेयक के अनुसार, अगर प्रधानमंत्री-मुख्यमंत्री या कोई भी मंत्री किसी ऐसे आपराधिक मामले में गिरफ्तार या 30 दिनों तक हिरासत में रहता है, जिसकी सजा 5 साल या उससे अधिक है, तो पीएम-सीएम या मंत्री को इस्तीफा देना होगा. अमित शाह ने इससे संबंधित तीन विधेयक लोकसभा में पेश किए. पहला विधेयक 130वां संविधान संशोधन विधेयक है, जो केंद्र और राज्य सरकारों पर लागू होगा. दूसरा विधेयक केंद्र शासित प्रदेशों की सरकार (संशोधन) विधेयक है, जो केंद्र शासित प्रदेशों पर लागू होगा, जबकि तीसरा विधेयक जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक 2025 है, जो जम्मू-कश्मीर में लागू होगा.

विपक्ष ने वेल में की नारेबाजी

सत्ता पक्ष की ओर से रवनीत बिट्टू, कमलेश पासवान, किरेन रिजिजू, सतीश गौतम ने गृह मंत्री के पास नारेबाजी कर रहे आक्रामक सांसदों को रोकने की कोशिश की. टीएमसी सांसदों ने लोकसभा के वेल में आकर नारेबाजी शुरू कर दी और कल्याण बनर्जी ने विधेयक पेश होते ही नारेबाजी शुरू कर दी. बाद में कांग्रेस सांसद और महासचिव केसी वेणुगोपाल ने अपनी सीट से विधेयक की प्रति फाड़कर फेंक दी. इसके बाद सभी कांग्रेस सांसद वेल में आ गए.

केसी वेणुगोपाल के बाद, समाजवादी पार्टी के धर्मेंद्र यादव ने भी अपनी सीट से विधेयक की प्रति फाड़कर फेंक दी और समाजवादी पार्टी के सभी सदस्य संसद वेल में आ गए. इसके बाद, जब गृह मंत्री अमित शाह विधेयक पेश कर रहे थे, तो सभी विपक्षी दल के सदस्य लोकसभा के वेल में आ गए और हंगामा करने लगे. स्थिति बिगड़ती देख लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी.