टीएनपी डेस्क(TNP DESK):आज हम 21वीं सदी में जी रहे हैं. हमारा देश आज भारत चांद तक पहुंच चुका है लेकिन आज भी जब पीरियड्स की बात आती है तो लोग असहज हो जाते हैं और इस बारे में बात करना पसंद नहीं करते हैं. ऐसे में आज हम आपको देश की ऐसी संस्कृति के बारे में बताने वाले हैं, जहां बेटी की पहली पीरियड्स आने पर राजकुमारी की तरह सजाया जाता है और परिवार वालों की तरफ से ग्रैंड पार्टी दी जाती है और ऐसा जलसा किया जाता है जिसको देखकर लगता है कि ये शादी की पार्टी है.
भारत के इन राज्यों में बेटी की पहली पीरियड आने पर होता है जलसा
आपको बताये कि दक्षिण भारत और उत्तर पूर्व भारत में बेटियों की पहली पीरियड्स आने पर लोग जस्न मनाते हैं, जहां पूरा परिवार इकट्ठा होता है और फिर में लड़की को स्पेशल फील कराया जाता है.इस परंपरा की सबसे खास बात यह है कि हर वह चीज की जाती है जिससे लड़की खुश रहे उसे बहुत सारे उपहार भी दिए जाते हैं.
असम
असम में जब लड़की पहली बार पीरियड होती है तो तुलोनिया बिया नाम का त्यौहार मनाया जाता है. इस त्यौहार के सारे रीति रिवाज शादी जैसे ही होते है. लड़की को किसी भी तरह का काम करने की मनाही होती है, उसे सात दिनों तक एक अलग कमरे में रखा जाता है और ऐसा माना जाता है कि पीरियड के दौरान यदि लड़की चांद, सूर्य,चन्द्रमा देखती है तो यह अशुभ होता है. पहले 7 दिन के बाद लड़की को सजाया जाता है और केले के पेड़ से उसकी शादी की जाती है. इस दौरन समारोह में लड़की सभी रिश्तेदार आते हैं और उपहार भी देते हैं.
तमिलनाडु
वहीं तमिलनाडु में जब लड़की पहली बार पीरियड होती है तो ये मंजल निरातु विज़ा त्यौहार मनाया जाता है, जहां शादी की तरह ही कार्ड बांटा जाता है. लड़की के चाचा नारियल, आम नीम के पत्तों से कुदिसाई बनाते हैं.लड़की को हल्की के पानी से नहलाया जाता है.और वह उसी को कुदिसाई झोपड़ी में रहती है.जहां स्वादिष्ट पकवान बनाया जाता है. लड़की को नहलाने के बाद रेशम की साड़ी और जेवर पहनाये जाते है. इस प्रक्रिया को पुण्य धनम कहते है.फिर झोपडी को हटा दिया जाता है और पंडित पूरे घर को शुद्ध करता है.
कर्नाटक
कर्नाटक में जब लड़की पहली बार पीरियड होती है, तो ऋतुशुद्धि या फिर ऋतु कला संस्कार होता है. पहली बार लड़की को बिल्कुल वैसे ही साड़ी पहनायी जाती है, जैसी शादी में पहनाई जाती और लड़की को सारी चीजें बताई जाती है जो पीरियड्स के दौरान काम आती है, ताकि लड़की को आगे जाकर किसी भी तरह की परेशानी ना हो.
आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश में जब पहली बार लड़की पीरियड होती है तो घर में जलसा होता है जिसे पेडमनिषी पंडगा कहा जाता है. ये पीरियड के पहले पांचवे या आखिरी दिन होता है. पहला दिन मंगल स्नान करवाया जाता है. 5 महिलाएं लड़की को नहलाती है इनमें लड़की की मां शामिल नहीं होती है, उसके एक अलग कमरे में रखा जाता है, जितने दिन अलग कमरे में रखा जाता है उतने दिन तक ये जलसा चलता है, इस दौरा लड़की को सभी नए-नए चीजें जैसे कपड़े खाना, गद्दा, बेडशीट दिया जाता है. आखिरी दिन लड़की को चंदन का लेप लगाया जाता है और चाचा की तरफ से साड़ी और गहने उपहार में मिलते है.
उड़ीसा
उड़ीसा में जब पहली बार लड़की पीरियड होती है तो उसमें राजा प्रभा नाम का समारोह होता है यहां के लोगों का मानना है कि इस दौरान धरती मां को पीरियड होता है. पीरियड के चौथे दिन लड़की को नहलाया जाता है इस दौरान महिलाएं और लड़कियों को सारे काम नही करने की छूट होती है.सभी मिलकर जश्न मनाती है.
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