रांची(RANCHI): झारखंड में महिलाओं की स्थिति बदहाल है. सरकार महिलाओं को आत्म निर्भर और स्वलम्बी बनाने की लाख कोशिश कर रही है इसके बावजूद हकीकत कोसों दूर है. हाल यह है कि बीते छह साल से झारखंड में महिला आयोग का गठन नहीं हुआ. ऐसे में अब राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य झारखंड पहुँच कर जमीनी हकीकत को खंगालने की कोशिश की. जिसके बाद सरकार पर सवाल उठाया. बिरसा मुंडा केन्द्रीय कारा से लेकर रिम्स अस्पताल और ग्रामीण इलाकों के निरीक्षण के बाद प्रेस वार्ता कर  मीडिया के सामने सभी हकीकत को रखा है.

दरअसल राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य ममता कुमारी तीन दिवसीय झारखंड दौरे पर पहुंची है. इस दौरान बिरसा मुंडा जेल पहुँच कर वहाँ बंद कैदियों की सुध लिया है. आखिर जेल में बंद महिला बंदी को क्या सुविधा दी जा रही है. जब जेल के महिला कैदी वार्ड का निरीक्षण करने पहुंची तो वहाँ की हकीकत देख कर चौक गई. जेल के अंदर मौजूद महिला शौचालय का दरवाजा टूटा हुआ है. इसके अलावा महिलाओं की सुविधा के नाम पर जेल में कुछ भी नहीं है.

इसके बाद वह रिम्स अस्पताल पहुंची और प्रसव वार्ड का निरीक्षण किया. पहले रिम्स में उन्हे यह बताया गया कि सरकार की ओर से कोई पत्र नहीं दिया गया. इसके बाद जब निरीक्षण करने वह अंदर वार्ड में पहुंची तो कई खमिया दिखाई दी है.

अब तो निरीक्षण हो गया लेकिन जब ग्रामीण इलाकों का भ्रमण करने गाँव पहुंची तो महिलाओं की  हालत चिंताजनक है. अगर गांव में किसी तरह कोई समस्या उन्हे होती है तो कोई देखने वाला नहीं है. ग्रामीण इलाकों के अस्पताल में महिला चिकित्सक नहीं है. साथ ही कई महिलाओं पर जुल्म होता है उसे देखने वाला भी कोई व्यक्ति नहीं है.

अगर देखे तो झारखंड में छह साल से महिला आयोग के अध्यक्ष का पद खाली है. यहाँ आयोग का गठन कब होगा इसपर सवाल हमेशा उठता है लेकिन जवाब किसी के पास नहीं है. अब महिलाओं की समस्या को लेकर एक रिपोर्ट राज्यपाल और केंद्र सरकार को भेजी गई है. साथ ही राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष को पूरे मामले से अवगत कराने की  बात कही है.