टीएनपी डेस्क(TNP DESK): भारत के तीनों सेनाओं में भर्ती के लिए सरकार ने एक नई योजना शुरू की, नाम रखा - अग्निपथ योजना. इस योजना के तहत शामिल होने वाले जवानों को अग्निवीर कहा जाएगा. जब से सरकार ने इस योजना की घोषणा की है तब से ही देश भर में इस योजना का विरोध हो रहा है. कई जगह विरोध हिंसक भी हो गया.
आखिर क्या है अग्निपथ योजना?
दरअसल, अग्निपथ योजना के तहत युवाओं को चार सालों के लिए भारत के तीनों सेनाओं में शामिल होने का मौका मिलेगा. चार सालों के बाद कुल अभ्यर्थियों में से 25 फीसदी का चयन आगे पूर्णकालिक तौर पर कर लिया जाएगा और बाकी को रिटायर्ड कर दिया जायेगा. इसके साथ ही पहले की तरह अब कोई सेना बहाली या भर्ती नहीं होगी, सभी को अब अग्निपथ योजना के जरिए ही सेना में शामिल होना होगा.
अगर हम अग्निवीर और एक नियमित सैनिक की बात करें तो कार्यकाल के अलावा सभी को इनके सैलरी के बारे में भी कई उलझने हैं. कोई कह रहा है कि अग्निवीर को कम सैलरी मिलेगी तो कोई कह रहा है ज्यादा मिलेगी. तो चलिए समझते हैं कि अग्निवीर को ज्यादा सैलरी मिलेगी या नियमित सैनिक को.
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अग्निवीर को कितनी सैलरी मिलेगी?
अग्निपथ योजना के तहत भर्ती किए गए अग्निवीरों को भर्ती वाले साल 30 हजार रुपए सैलरी मिलेगी, वहीं दूसरे साल बढ़कर ये सैलरी 33 हजार होगी, तीसरे साल 36 हजार 500 और चौथे साल 40 हजार रुपए हो जाएगी. इस सैलरी का 70 फीसदी राशि अग्निवीरों को सीधे मिलेगी, वहीं 30 फीसदी सैलरी अग्निवीर कॉर्प्स फंड मतलब कि सेवा निधि पैकेज में जमा होगी. इस तरह बात करें तो पहले साल अग्निवीरों को हर महीने 21 हजार रुपए, दूसरे साल 23,100, तीसरे साल 25,580 और आखिरी साल 18 हजार रुपए इन हैंड मिलेंगे.
चार सालों में वेतन में जो कटौती होगी, वो सब मिलाकर 5.02 लाख रूपए सेवा निधि फंड में जमा होगा, फिर इतनी ही राशि सरकार भी इस फंड में डालेगी, फिर उस पर इंटरेस्ट भी मिलेगा. ऐसा करके एक अग्निवीर को करीब 11.71 लाख रुपए उसके रिटायरमेंट के समय मिलेगा. यह राशि पूरी तरह से टैक्स फ्री होगी.
नियमित सैनिक को कितनी सैलरी मिलती है?
अग्निवीरों की जगह यदि हम एक नियमित सैनिक की सैलरी की बात करें तो सातवें वतन आयोग के अनुसार सैनिक को सैलरी के साथ कुछ अन्य सुविधाएं भी दी जाती हैे. भारतीय सेना में 17 से अधिक पद हैं. हर पद के लिए अलग-अलग सैलरी तय है. आर्मी के सिपाही या लांस नायक को हर महीने 21,700 रुपए इन हैंड सैलरी मिलती है. इसके साथ ही सैलरी का 20 से 30 प्रतिशत हिस्सा पीएफ के तौर पर भी जमा होता है. इन जवानों का समय समय पर नियम के अनुसार प्रमोशन भी मिलता है. उसी तरह लांस नायक के बाद नायक का पद आता है, इन्हें 25,500 इन हैंड सैलरी मिलती है. हवलदार को 29,200, नायब सूबेदार को 35,400, सूबेदार को 44,900 और सूबेदार मेजर को 47,600 रुपए सैलरी मिलती है.
दोनों में क्या अंतर है?
अग्निवीर और एक नियमित सैनिक की सैलरी की बात करें तो दोनों में कोई फर्क नहीे है. जहां अग्निवीरों की सैलरी पहले से ही तय है, वहीं एक नियमित सैनिक की सैलरी में सातवें वेतन आयोग के तहत हर साल तीन प्रतिशत की वृद्धि होने के बाद इनकी सैलरी भी अग्निवीरों के सैलरी के बराबर हो जाती है. एक अंतर जरूर है, सैनिकों को सैलरी के साथ कई तरह की और भी सुविधाएं दी जाती हैं. वहीं सेवाकाल के बाद जब दोनों रिटायर्ड होते हैं. तो अग्निवीरों को कोई सुविधा नहीं मिलेगी जबकि वहीं सैनिकों को कैंटीन, मेडिकल आदि की सुविधा मिलती है.
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