टीएनपी डेस्क(TNP DESK): पश्चिम बंगाल बिरभूम जिले का तारापीठ मंदिर वह मंदिर है, जिस मंदिर को शक्ति पीठ के नाम से भी लोग जानते और पहचानते हैं. आज कौशिकी अमावस्या है. कहा जाता है कि आज के ही दिन मां के परम भगत बामण देवता बामा खेपा को मां तारा ने दर्शन दिया था. जिस दर्शन के बाद से मां तारा के प्रति उनके भक्तों की आस्था कुछ इस कदर बढ़ी की उनका मंदिर उनके श्रद्धालुओं से आए दिन पूरी तरह भरा पड़ा होता है. दूर दराज से मां तारा के भक्त मां के दर्शन के लिये यहां पहुंचते हैं, और मां उनकी मनोकामनाओं को पूरा भी करती है. 

करोनकाल के बाद भक्तों के लिए खुला मां का पट 

कोरोनाकाल में  पिछले दो वर्षों तक मंदिर कोरोना नियमों के तहत बंद कर दिया गया था. हालांकि मंदिर में मां तारा की पूजा और आरती तो होती थी पर उनके भक्तों के लिये मंदिर का दरवाजा सरकारी तौर पर बंद कर दिया गया था. यानि कि दो वर्षों तक मंदिर परिषर में कौशिकी अमावस्या के मौके पर लगने वाला मेला भी पूरी तरह बंद था. इस बार कोरोना का संक्रमण थोड़ा कम होने के बाद मंदिर का दरवाजा भी श्रद्धांलुओं के लिये खोल दिया गया है. साथ में कौशिकी अमावस्या पर लगने वाले मेले का भी आयोजन हो रहा है. यही नहीं इस बार कौशिकी अमावस्या के मौके पर मंदिर कमिटी के तरफ से काफी धूमधाम से इस विशेष दिन पर यह विशेष पूजा का आयोजन किया जा रहा है.

मां तारा को चढ़ाया गया 56 भोग का प्रसाद 

मां के स्नान और सिंगार के बाद सुबह 6 बजे मंगल आरती हुई है. वहीं दोपहर 12 बजे अन्न भोग चढ़ाया गया. मां तारा को 56 भोगों का प्रसाद जिसमें 17 तरह के विभिन्न प्रकार की सब्जियां , खिचड़ी, पुलाव, पाईस, मीठी चटनी, मिठाई, और मछली थी.   मंदिर के गर्भ गृह के दरवाजे को बंद कर दिया गया. जिसके बाद दोपहर करीब एक बजे मां के दर्शन के लिये गर्भ गृह का दरवाजा खोल दिया गया. वहीं शाम 6 बजे मां की संध्या आरती हुई. आरती के बाद विशेष महायज्ञ का आयोजन किया जाएगा. साथ में कलश यात्रा भी होगी. इसके साथ -साथ मंदिर कमिटी ने बामण देवता बामा खेपा के लिये भी बामण पूजा की व्यवस्था की है. रात्रि में मां की विशेष पूजा होगी. वहीं कौशिकी अमावस्या के मौके पर बिरभूम जिले के रामपुर हाट स्थित मां तारा के दर्शन करने पहुंचे लाखों श्रद्धालु इस मां का दर्शन पाकर काफी खुश हैं, और देश से कोरोना जैसी अन्य संकटों को हराने की कामना भी कर रहे हैं.