TNP DESK: हम सभी ने अपनी जिंदगी में कभी न कभी भारतीय सेना के जवानों को सैल्यूट करते हुए देखा है. लेकिन क्या आपने कभी ध्यान दिया है कि इंडियन आर्मी , नेवी फोर्स और एयर फोर्स के सैल्यूट करने का तरीका एक जैसा नहीं होता? बता दें तीनों सेनाओं के सैल्यूट में फर्क है न केवल ढंग में, बल्कि उसके पीछे की सोच और परंपरा में भी. तो चलिए जानते हैं कि क्यों अलग-अलग होते हैं इनके सैल्यूट करने का तरीका.

इंडियन आर्मी का सैल्यूट

इंडियन आर्मी में सैल्यूट करते समय हथेली नीचे की ओर झुकी होती है, और हाथ सीधा सिर की ओर जाता है. इसके पीछे की वजह यह है कि यह परंपरा ब्रिटिश आर्मी से इंस्पायर हो कर ली गई है, जहां हथेली को नीचे की ओर रखना रिस्पेक्ट और डिसिप्लिन का प्रतीक माना जाता है. इससे ये पता चलता है कि सैनिक हथियार के साथ तैयार है और उनके इरादे साफ हैं. हथेली को न दिखाना 'कमांड रिस्पेक्ट' की भावना को दर्शाता है.

इंडियन नेवी का सैल्यूट

इंडियन नेवी के जवान हथेली को जमीन की ओर रखते हुए सैल्यूट करते हैं, यानी हथेली बिल्कुल नहीं दिखाई देती है. नेवी की परंपरा के अनुसार, यह ढंग समुद्री जहाजों पर काम करने के तरीके से जुड़ी होती है. पहले जहाज पर काम करते समय हाथ गंदे हो जाते थे और हथेली दिखाना अपमान करना माना जाता था. इसलिए हथेली को छुपाते हुए सैल्यूट करना रिस्पेक्ट देना माना गया.

इंडियन एयरफोर्स का सैल्यूट

इंडियन एयरफोर्स के जवान हथेली को जमीन की तरफ सीधा रखते हैं लेकिन थोड़ी खुली दिखाई देती है. साथ ही हाथ सीधा और आंखों के पास रहता है. इंडियन एयरफोर्स का सैल्यूट एडवांस और प्रोफेशनलिज़्म तरीके का होता है. जहां इसमें ट्रांसपेरेंसी , ओपेन माइंड और तेजी को देखता है. यह दिखाता है कि जवान पूरी ईमानदारी और सच्चाई के साथ अपनी ड्यूटी निभा रहा है.

इंडियन आर्मी, इंडियन नेवी और इंडियन एयर फोर्स देश की सुरक्षा के लिए हमेशा तैनात रहती है.इनके सैल्यूट करने का ढंग सिर्फ एक फिजिकल जेस्चर नहीं, बल्कि इनकी संस्कृति, अनुशासन और काम करने के तरीका की झलक है.