गिरिडीह(GIRIDIH): तीर्थंकरों के मोक्ष भूमि और जैन समाज के विश्व प्रसिद्ध तीर्थस्थल गिरिडीह का सम्मेद शिखर मधुबन पिछले कई दिनों से दुसरे राज्यों के भक्तों की भक्ति से गुलजार है. आस्था और श्रद्धा में डूबे भक्तों की भक्ति भी खूब दिख रही है. निर्वाण महोत्सव को लेकर सम्मेद शिखर मधुबन में देश के राजस्थान, गुजरात, मुंबई, मध्य प्रर्देश, उत्तर प्रर्देश और गिरिडीह समेत झारखंड-बिहार के कई हजारों श्रद्धालु भगवान पार्श्वनाथ के भक्त उनके चरणों में नतमस्तक होने पहुंचे हैं.

धूमधाम से मनाया जा रहा निर्वाण महोत्सव

इसी क्रम में बुधवार से भगवान पार्श्वनाथ की निर्वाण भूमि में बड़े उत्साह के साथ चार्तुमास के मौके पर निर्वाण महोत्सव भी धूमधाम से मनाया जा रहा है. दो दिनों के इस भव्य आयोजन की जिम्मा दो साल भी मधुबन के तेरहपंथी कोठी मधुबन ने उठाया है. लेकिन मधुबन के हर कोठी और मंदिरों में णमोकांरः मंत्र की गूंज के साथ भगवान पार्श्वनाथ का जयघोष भी सुनाई पड़ रहा है. क्या बच्चे, क्या बुजुर्ग और क्या महिलाएं, कमोवेश युवाओं से लेकर युवतियां हर कोई भगवान पार्श्वनाथ की भक्ति में डूबा हुआ है. बुधवार को ही तेरहपंथी कोठी से वरघोड़ा के साथ भव्य शोभा यात्रा ने मधुबन में भक्ति की गंगा बहाई. तो वरघोड़ा के साथ ही तेरहपंथी कोठी की और से 2300 किलो का निर्वाण लाड्डु भी शोभा यात्रा में शामिल हुआ.

निर्वाण लाड्डू चढ़ाने को लेकर आतुर भक्त

गिरिडीह समेत दुसरे राज्य से आएं भक्तों का कारवां देर रात ही सम्मेदशिखर मधुबन में अवस्थित पारसनाथ पहाड़ की चढ़ाई गाजे-बाजे के साथ शुरु हुआ. कमोवेश, हर एक भक्त निर्वाण लाड्डु चढ़ाने को लेकर आतुर दिखाई पड़ा. इस दौरान हर एक भक्त णमोःकार मंत्र के जाप और भगवान पार्श्वनाथ के जयकारे के बीच चढ़ाई चढ़ता गया. और तलहटी से पारसनाथ पहाड़ के अंतिम छोर करीब 25 किमी की उंचाई और पहाड़ के टोंक पर अवस्थित भगवान पार्श्वनाथ के मंदिर पहुंच कर अनुष्ठान शुरु किया.

पहली बार बाहरी राज्यों के भक्तों ने निर्वाण लड्डू किया अर्पित

मुनिश्री प्रमाण सागर महाराज समेत 21 जैन मुनियों के सानिध्य में जहां एक तरफ पहाड़ के टोंक पर णमोःकार मंत्र के बीच बुधवार देर रात से ही अनुष्ठान शुरु हो चुका था, और नीचे सम्मेदशिखर मधुबन के बीसपंथी कोठी में भगवाना पार्श्वनाथ को भक्तों ने 2300 किलो का निर्वाण लाड्डु अर्पित किया. सम्मेदशिखर मधुबन में यह पहला मौका था, जब जानलेवा महामारी के बीच बाहरी राज्यों के श्रद्धालुओं ने इतना बड़ा निर्वाण लड्डु भगवान पार्श्वनाथ के चरणों में समर्पित किया. वहीं दुसरे दिन ही गुरुवार की सुबह भी पारसनाथ पहाड़ के टोंक में मुनिश्री प्रमाण सागर समेत 21 जैन मुनियों के सानिध्य में कई अनुष्ठान हुए. इस दौरान भक्तों ने भगवान पार्श्वनाथ के मूर्ति को लेकर टोंक के मंदिर की परिक्रम किया. तो अपने-अपने निर्वाण लाड्डु भी अर्पित करते नजर आएं.

रिपोर्ट: दिनेश कुमार, गिरिडीह