टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : तेलंगाना और छत्तीसगढ़ के सीमावर्ती इलाकों में पहाड़ियों को घेरकर सुरक्षा बलों की कार्रवाई जारी हैं. जिससे नक्सली बैकफुट पर आ गए हैं और पत्र लिखकर युद्ध विराम की मांग कर रहे हैं.
जानिए माओवादियों की ओर से जारी पत्र में क्या लिखा है
माओवादियों की ओर से एक पत्र लिखा गया है, जिसमें छह महीने तक युद्धविराम (सीजफायर) की घोषणा की है. तेलंगाना कैडर के नक्सली प्रवक्ता 'जगन' द्वारा जारी किए गए पर्चे में तेलुगु भाषा में लिखा है कि नक्सलियों ने तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी, पूर्व मुख्यमंत्री चंद्रशेखर राव और कविता द्वारा शांति वार्ता की पहल को "गर्व की बात" बताया है. साथ ही कहा गया है कि समाज के कई बुद्धिजीवी और प्रसिद्ध हस्तियां भी इस पहल का समर्थन कर रही हैं.
पत्र में आगे लिखा गया है कि पिछले कुछ समय से तेलुगु राज्यों में हमारी पार्टी और सरकार के बीच शांति वार्ता की मांग शुरू हो गई है. इसके तहत शांति वार्ता समिति का गठन किया गया है. देश भर में कुछ उपद्रवी समूह, व्यक्ति, प्रमुख लोग और दल यही मांग कर रहे हैं. कांग्रेस पार्टी ने कहा है कि वे बातचीत के मुद्दे पर आंतरिक रूप से चर्चा करेंगे और निर्णय लेंगे. सीपीआई कगार ऑपरेशन को रद्द करने और शांति वार्ता आयोजित करने के लिए पहले से ही राज्य भर में कार्यक्रम आयोजित कर रही है. अन्य सभी वामपंथी दलों ने उन कार्यक्रमों में भाग लिया. बीआरएस पार्टी ने भी शांति वार्ता आयोजित करने के लिए अपने रजत पदक के साथ विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित किया.
कुछ दिनों पहले तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने भी शांति वार्ता की मांग की थी. पूर्व मुख्यमंत्री एचआरएस नेता चंद्रशेखर राव ने भी इसी मांग का जिक्र किया था. बीआरएस नेता कविता ने भी यही मांग की है। यह एक स्वागत योग्य घटनाक्रम है.
राज्य में कई अन्य बुद्धिजीवी और मशहूर हस्तियां इसी मुद्दे पर अभियान चला रही हैं. सभी वामपंथी दल इसी मांग को लेकर बड़े पैमाने पर कार्यक्रम आयोजित कर रहे हैं. बातचीत की प्रक्रिया को राज्य और देश में लोकतांत्रिक माहौल लाने के प्रयास के रूप में समझा जाना चाहिए. इन प्रयासों को सकारात्मकता देने के लिए हम युद्ध विराम की घोषणा कर रहे हैं.
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