टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : इस साल का सावन काफी खास माना गया है 19 साल बाद ऐसा संयोग बना है कि इस बार 4 सोमवार का नहीं बल्कि 8 सोमवार का सावन है. दो महीने के इस सावन को लेकर लोगों में काफी उत्साह देखने को मिल रहा है ऐसे में पूर्णिमा में भी एक बदलाव आया है. हिंदू कैलेंडर के हिसाब से महीने के अंत में एक पूर्णिमा आता है लेकिन इस साल सावन में दो पूर्णिमा का संयोग बन रहा है.सावन में दो पूर्णिमा की होने की वजह से अब लोगों में इस बात को लेकर कश्मकश हो गया है कि आखिरकार इस बार कौन सी पूर्णिमा में रक्षाबंधन मनाया जायेगा. हर बार यह काफी सरल होता था कि जिस दिन पूर्णिमा है उस दिन रक्षाबंधन की तिथि पड़ती है. मगर इस बार तो पूर्णिमा होने से लोगों को समझ नहीं आ रहा कि आखिरकार कौन सी पूर्णिमा में रक्षाबंधन मनाया जाए. दोनों में किसका सबसे ज्यादा महत्व है.
सावन की पहली पूर्णिमा
इस बार सावन की पहली पूर्णिमा 1 अगस्त को पड़ रही है. यह पहली पूर्णिमा अधिक मास में लग रही है इसलिए इसे सावन अधिक पूर्णिमा कहा जा रहा है. वही हिंदू पंचांग के अनुसार 1 अगस्त को सुबह 3:51 से लेकर रात के 12:00 बजे तक रहेगी.
सावन की दूसरी सोमवारी
इसके साथ ही अगर हम सावन की दूसरी पूर्णिमा की बात करें तो वह 30 अगस्त को पड़ने वाला है. इस दिन सुबह 10:58 से लेकर अगले दिन 1 अगस्त को 7:05 तक यह सहयोग बना रहेगा. ऐसे में 30 अगस्त को पूर्णिमा का व्रत होगा. वही इसके दूसरे दिन यानी 1 से अगस्त को स्नान दान किया जाएगा.
जानिए कब मानना है सही
हर बार रक्षाबंधन श्रावण पूर्णिमा में मनाया जाता है इस बार जो दो पूर्णिमा पढ़ना है उसमें 30 और 31 अगस्त वाले में श्रावण पूर्णिमा का संजोग बन रहा है. ऐसे में 30 और 31 अगस्त दोनों ही दिन रक्षाबंधन मनाया जा सकता है. मगर इसके लिए आपको 30 और 31 अगस्त की उचित समय के अंदर ही मानना जरूरी है.
जानिए क्या होगया उचीज समय
इस पूर्णिमा को लेकर जैसा कि बताया गया है कि 31 तारीख के 7:00 बजे तक ही पूर्णिमा का संजोग बना है तो यानी उससे पहले ही आपको राखी बांधनी होगी. इसलिए इस बार ज्यादातर लोग 30 अगस्त को है रक्षाबंधन मनाएंगे. क्योंकि इस दिन आपको ज्यादा समय मिलेगा जिसमें आप इस त्यौहार को अच्छी तरह से मना पाएंगे हालांकि आपको यह भी बता दे कि 30 अगस्त को भद्रा लगने की वजह से इसे रात में ही मनाया जाएगा अन्यथा आपको एक किस के सुबह-सुबह है इसे मनाया पड़ेगा
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