टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : सावन के महीने में भगवान भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है. लोगों का यह भी मानना है की अगर भगवान शिव को प्रसन्न करना है तो सावन के महीने से सही समय कोई हो ही नहीं सकता. पर क्या आप जानते हैं की सावन के महीने में मांगलिक कार्य जैसे शादी-विवाह, मुंडन, जनेऊ, नामकरण और गृह प्रवेश जैसे काम क्यों नहीं होते.
दरअसल सावन का महीना चातुर्मास के दौरान पड़ता है, हालांकि यह महीना भगवान शिव को अति प्रिय होने की वजह से खास है. इधर चातुर्मास के दौरान भगवान विष्णु शयन यानि की योगनिद्रा के लिए जाते है. माना जाता है की चातुर्मास के दौरान श्री हरी विष्णु, भगवान शिव का ध्यान करते हैं. ऐसे में जब भगवान विष्णु योगनिद्रा में रहते हैं तब धरती पर मांगलिक कार्य करने की मनाही की गई है. चातुर्मास के अंदर सावन का महीना पडने के कारण इस महीने में तिथि देखकर करने वाले काम जैसे शादी-विवाह, मुंडन, जनेऊ, नामकरण और गृह प्रवेश करने की मनाही होती है.
हालाँकि इस महीने में अन्नप्राशन और वैसे संस्कार जिनका होना समय अनुसार जरूरी है, वह चीजें की जा सकती है.
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