Ranchi- हाल के दिनों में मलेरिया के कारण हुई मौतों के कारण सुर्खियों में आये बरहेट विधान सभा का सुंदरपहाड़ी के सुदूरवर्ती गांवों का दौरा करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल ने सीएम हेमंत सोरेन आदिवासियों को मलेरिया के प्रकोप से मरने के लिए उनके भाग्य भरोसे छोड़ देने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि एक तरफ उनकी ही विधान सभा के गरीब अशिक्षित आदिवासियों की मौत मलेरिया के कारण हो रहा है, दूसरी तरफ सीएम हेमंत इन आदिवासियों की पीड़ा से बेखबर आपकी योजना आपकी सरकार के बहाने अपना प्रचार प्रसार में जुटे हैं. इन गांवों के दुर्गम्य रास्तों का एक वीडियो जारी करते हुए बाबूलाल ने सीएम हेमंत के विरुद्ध आदिवासी मूलवासियों के साथ ठगी करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि यह सरकार सिर्फ आदिवासी मूलवासी की बात करती है, लेकिन जहां उनकी जिंदगी की बात आती है, उन्हे भाग्य के भरोसे छोड़ देती है, नहीं तो इस आधुनिक युग में भला कोई मलेरिया से मर सकता है, लेकिन हालत यह है कि इन मौतों के बाद भी यहां का सरकारी महकमा इन गांवों की ओर अपना रुख नहीं कर रहा है, मलेरिया से लड़ने के नाम पर सिर्फ रस्म अदायगी हो रही है.
सोशल मीडिया पर बोला हमला
अपनी यात्रा के बाद अपने सोशल मीडिया एकाउंट पर लिखा है कि तमाम सरकारी ठाठ-बाट, उड़नखटोला आदि की व्यवस्था रहने के बावजूद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपने बरहेट विधानसभा के सुन्दरपहाड़ी क्षेत्र के जिन आदिवासी भाई बंधुओं को मलेरिया के प्रकोप से मरने के लिए छोड़ दिया था, आज उसी दुर्गम स्थान पर पहुंच कर अपने जनजातीय भाइयों को हरसंभव सहायता पहुंचाने की कोशिश प्रारंभ की. आदरणीय प्रधानमंत्री मोदी जी की प्रेरणा से भारतीय जनता पार्टी का हर एक कार्यकर्ता जंगलों पहाड़ों में रहने वाले, सरकारी योजनाओं से वंचित आदिवासी भाइयों तक विकास की रोशनी पहुंचाएगा.
लिट्टीपाड़ा और सुन्दरपहाड़ी का क्षेत्र मलेरिया प्रकोप की चपेट में है
अपने दूसरे ट्वीट में वह लिखते हैं कि 'लिट्टीपाड़ा और सुन्दरपहाड़ी का क्षेत्र मलेरिया प्रकोप की चपेट में है, जिसके दुष्प्रभाव से कई लोगों की विशेषकर छोटे बच्चों की जान जा रही है l दो दिन पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सरकार आपके द्वार कार्यक्रम के तहत अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचे थे तो हम सबको उम्मीद थी कि, वे अपने विधानसभा क्षेत्र के मलेरिया प्रभावित गांवों का दौरा कर वस्तुस्थिति का जायजा लेंगे और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश भी देंगे l लेकिन हेमंत ने अपने क्षेत्र की जनता मुख्यतः पीड़ित आदिवासी समाज को निराश करते हुए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किए बगैर ही वापिस लौट गए l सोने का चम्मच लेकर पले-बढ़े राजकुमार हेमंत जी को हो सकता है यह भय हो कि मलेरिया प्रभावित लोगों के इलाक़े में जाने से कहीं उन्हें भी मलेरिया न हो जाय? यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि 21 वीं सदी में भी झारखंड का हमारा जनजातीय समाज मलेरिया रोग के इलाज की कमी से जूझ रहा है l हालात की गंभीरता को देखते हुए हमने आगामी कार्यक्रमों को स्थगित कर लिट्टीपाड़ा और सुन्दरपहाड़ी के गांवों में स्वास्थ्य स्थिति के जायजा लेने एवं प्रभावित लोगों से मिलने का निर्णय लिया है... ताकि जनता को मलेरिया के प्रकोप से तात्कालिक राहत दिलाने में पहल कर सकें"
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