रांची(RANCHI): झारखण्ड में RIMS 2 की प्रस्तावित जमीन को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. पहले नगड़ी मौजा की जमीन पर धान रोपो रोपा रोपो आंदोलन के जरिये हजारों लोगों ने विरोध किया. जिसमें अब 85 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया गया है. केस होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने राज्य सरकार को फिर से कड़े तेवर में चेतवानी दी है. अब इससे भी बड़ा आंदोलन कर जनता की अदालत लगाने का ऐलान कर दिया है.
पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने रिम्स 2 की प्रस्तावित जमीन को लेकर फिर से दोहराया है कि किसी दूसरे बंजर भूमि पर इसका निर्माण किया जाये. लेकिन खेतिहर भूमि को जबरदस्ती अधिग्रहण कर कब्ज़ा नहीं करने दिया जायेगा. विधानसभा परिसर में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि झारखण्ड में जल जंगल जमीन को लेकर कई आंदोलन हुए है. जिसमें हमेशा जीत आदिवासियों की हुई है. कभी भी गोली और लाठी के दम पर जमीन कब्ज़ा नहीं करने देंगे.
उन्होंने कहा कि अंग्रेजों की पुलिस के जैसा झारखण्ड पुलिस काम कर रही है. आंदोलन के दौरान लाठी चलाया है, आंसू गैस के गोले दागे गए है. साथ ही कई लोगों पर केस किया गया है. केस वापस नहीं हुआ तो अब लाखों लोगों की भीड़ जमा होगी और उसी जमीन पर जनता की अदालत लगा कर फैसला होगा. जब जमीन आदिवासी की है तो फिर अपनी जमीन पर रोपा रोपने पर कैसा रोक हो सकता है. अब उस जमीन की लड़ाई को और भी आंदोलन देखने को मिलेगा.
उन्होंने कहा कि झारखण्ड में जहां भी जमीन की लूट होगी उसपर चंपाई सोरेन खड़ा दिखेगा. राज्य सरकार आदिवासी की बात करती है लेकिन उनकी ही जमीन को छीनने में लगी है. अब ऐसा नहीं होने देंगे. उन्होंने पूछा कि आखिर आंदोलन करने क्या कोई बांग्लादेश से आया था. राज्य सरकार बाहर के लोगों का साथ लेकर चलती है. एक दिन उसे भी रोक कर दिखा देंगे.
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