रांची (TNP Desk) : मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर नाराज विधायक बैद्यनाथ राम आर-पार के मूड में हैं. उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को दो दिन का अल्टिमेटम दिया था. उन्होंने कहा था कि पार्टी कोई निर्णय ले नहीं तो हम फैसला लेने के लिए बाध्य होंगे. लातेहार विधायक के कड़े तेवर देख झामुमो भी सकते में आ गया. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अहसास हो गया कि बैद्यनाथ राम अपने मूड-मिजाज के मुताबिक कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. इसलिए उन्हें मनाने के लिए कार्रवाई तेज कर दी गई. बताया जाता है जब विधायक से संपर्क नहीं हो पाया तो मामले को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन से आग्रह किया गया.
सीएम चंपाई ने संदेश में क्या कहा?
मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने शनिवार को उन्हें एक संदेश भेजा. संदेश में कहा गया कि वे हड़बड़ी में कोई कदम नहीं उठायें, जिससे पार्टी और सरकार संकट में आ जाय. सीएम चंपाई के संदेश के बाद लातेहार विधायक बैद्यनाथ राम के तेवर नरम पड़ गए हैं.
बीजेपी ने लगाया अनुसूचित जाति को अपमानित करने का आरोप
अंतिम समय में बैद्यनाथ राम का नाम काटने को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी भारतीय जनता पार्टी ने सत्तारूढ़ पार्टी झामुमो पर अनुसूचित जाति को अपमानित करने का आरोप लगाया. बता दें कि बैद्यनाथ राम पहले भी भाजपा में रह चुके हैं. पिछले विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के कारण वे झामुमो में चले गए थे. लातेहार में उनकी पकड़ मजबूत है. वे अपने क्षेत्र में सबसे लोकप्रिय नेता हैं. लोगों के लिए कई काम किये.
बैद्यनाथ राम ले सकते हैं कोई बड़ा फैसला
गौरतलब है कि 16 फरवरी को चंपाई सरकार के मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ. जिसमें झामुमो कोटे से पांच, कांग्रेस कोटे से चार और राजद से एक विधायक को मंत्रिमंडल में जगह मिली है. वहीं 12वें मंत्री के रूप में बैद्यनाथ राम का नाम राजभवन को भेजा गया था. मंत्री बनने के लिए राजभवन ने उन्हें न्यौता भी भेजा था. राजभवन से शपथ लेने संबंधी अधिसूचना आने के बाद अंतिम समय में उनका नाम काट दिया गया. नाम कटने के बाद वे अपने आप को अपमानित महसूस कर रहे हैं. बाताया जाता है कि आज उन्होंने अपने आवास पर समर्थकों की बैठक बुलाई है. बैठक में लातेहार विधायक कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं. हालांकि सीएम चंपाई के संदेश आने के बाद उनके तेवर नरम पड़ गए हैं.
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