पाकुड़(PAKUR):संथाल परगना के पाकुड़ जिले में आदिवासी रक्षा मंच के बैनर तले आज राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन सह आक्रोश महारैली का आयोजन किया गया.इस रैली का नेतृत्व लिट्टीपाड़ा विधानसभा क्षेत्र के पूर्व निर्दलीय प्रत्याशी निर्मल मुर्मू ने किया. कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में आदिवासी समुदाय के लोग शामिल हुए और उन्होंने कुड़मी समाज को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देने की मांग का जोरदार विरोध किया.

हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर नारेबाज़ी

प्रदर्शनकारियों ने हाथों में बैनर-पोस्टर लेकर नारेबाज़ी की और कहा कि कुड़मी समाज किसी भी दृष्टिकोण से आदिवासी समाज की श्रेणी में नहीं आता.उनका तर्क था कि कुड़मी समुदाय की जीवनशैली, रहन-सहन, भाषा, परंपरा, और सांस्कृतिक पहचान आदिवासी समाज से बिल्कुल भिन्न है. प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यदि कुड़मी समाज को आदिवासी सूची में शामिल किया गया तो इससे वास्तविक आदिवासी समुदायों के हक और अधिकारों पर सीधा असर पड़ेगा.नेताओं ने कहा कि सरकार यदि इस दिशा में कोई निर्णय लेती है, तो आदिवासी समाज राज्यभर में उग्र आंदोलन करेगा.मंच के सदस्यों ने स्पष्ट कहा कि वे अपने संवैधानिक अधिकारों और आरक्षण व्यवस्था की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार है.

रैली के दौरान प्रशासनिक सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम

इस मौके पर निर्मल मुर्मू ने कहा कि कुड़मी समाज को आदिवासी दर्जा देने का प्रयास न केवल ऐतिहासिक सच्चाई के खिलाफ है, बल्कि यह झारखंड और संथाल परगना की मूल संस्कृति पर भी हमला है. उन्होंने राज्य और केंद्र सरकार से मांग की कि वे आदिवासी समाज की भावनाओं का सम्मान करें और इस मुद्दे पर कोई भी निर्णय लेने से पहले आदिवासी समुदाय से संवाद करे.रैली के दौरान प्रशासनिक सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए थे. भारी पुलिस बल की तैनाती के बीच शांतिपूर्ण तरीके से यह प्रदर्शन संपन्न हुआ.

रिपोर्ट-विकास  कुमार