Ranchi-यौन शोषण मामले में पोड़याहाट से कांग्रेसी विधायक प्रदीप यादव को सर्वोच्च अदालत से बड़ा झटका मिला है, सुप्रीम कोर्ट ने प्रदीप यादव की याचिका को खारिज करते हुए निचली अदालत में मामले की सुनवाई का जारी रखने का आदेश दिया है. यहां ध्यान रहे कि 2019 लोकसभा चुनाव के ठीक पहले प्रदीप यादव के विरुद्ध उनकी ही पार्टी की एक महिला कार्यकर्ता ने यौन शोषण का आरोप लगाते हुए देवघर महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज करवाया था. महिला का दावा था कि प्रदीप यादव ने उसे एक मीटिंग के बहाने एक होटल में बुलाया था, लेकिन जैसे ही महिला उक्त होटल में पहुंची, प्रदीप यादव की ओर से अश्लील हरकत की शुरुआत कर दी गयी. अस्मत लूटे जाने का प्रयास किया गया. इसी मामले की सुनवाई दुमका कोर्ट में चल रही है. कोर्ट ने उक्त मामले में प्रदीप यादव के खिलाफ चार्जफ्रेम करने का आदेश दिया है, दुमका कोर्ट के इस आदेश के खिलाफ प्रदीप यादव सर्वोच्च अदालत पहुंचे थें. लेकिन कोर्ट ने प्रदीप यादव की याचिका को अस्वीकार करते हुए निचली अदालत में कार्रवाई का सामना करने का आदेश दिया. हालांकि इस मामले में विधायक प्रदीप यादव को पहले से ही बेल मिल हुआ है, लेकिन सर्वोच्च अदालत के इस फैसले के बाद उन्हे अब निचली अदालत में कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा. और यदि फैसला उनके खिलाफ जाता है, तो प्रदीप यादव सियासी संकट में फंस सकते हैं.

क्या है प्रदीप यादव का दावा

इधर महिला के दावों के विपरीत प्रदीप यादव इसे सियासी साजिश करार दे रहे हैं, उनका दावा है कि उनके राजनीतिक विरोधियों के द्वारा उनकी ही पार्टी की महिला कार्यकर्ता का उपयोग किया गया, और उनके खिलाफ यौन शोषण का आरोप लगाकर उनके चरित्र को दागदार बनाने की साजिश हुई. हालांकि मामले में सच्चाई क्या है, इसका फैसला को कोर्ट में ही होगी, लेकिन इतना तो साफ नजर आता है कि यह लड़ाई अभी लंबी चलनी है.

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