पटना(PATNA): बिहार में नई मतदाता सूची बनाए जाने को लेकर सियासी घमासान तेज हो गया है. पटना में महागठबंधन ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चुनाव आयोग, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और भाजपा पर हमला बोला है. इस प्रेस वार्ता में तेजस्वी यादव, कांग्रेस नेता पवन खेड़ा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम और भाकपा नेता दीपांकर भट्टाचार्य मौजूद थे. इस दौरान तेजस्वी यादव ने कहा कि चुनाव से ठीक पहले पुरानी वोटर लिस्ट रद्द कर नई सूची तैयार करना सवालों के घेरे में है. उन्होंने आरोप लगाया कि इस प्रक्रिया के जरिए गरीब, युवा और पलायन कर चुके मजदूरों को सूची से बाहर करने की साजिश रची जा रही है. तेजस्वी यादव ने यह दावा किया है कि 4.76 करोड़ मतदाताओं को नागरिकता साबित करनी होगी, जिसमें मांगे गए अधिकांश दस्तावेज, गरीबों के पास नहीं हैं.
वहीं कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने चुनाव आयोग को “बीजेपी की कठपुतली” बताया और कहा कि यह कदम लोकतंत्र पर हमला है. उन्होंने कहा कि आयोग गरीबों और पिछड़ों के वोट छीनने की तैयारी कर रहा है.
साथ ही प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दीपांकर भट्टाचार्य ने इसे “वोटबंदी” करार दिया और कहा कि बिहार को फिर से राजनीतिक प्रयोगशाला बनाया जा रहा है. महागठबंधन ने चुनाव आयोग से पारदर्शिता की मांग की है और चेताया है कि बिहार की जनता अपने अधिकारों के लिए सड़क पर उतर सकती है. इस पूरे विवाद ने बिहार की राजनीति में हलचल बढ़ा दी है, और अब निगाहें चुनाव आयोग की प्रतिक्रिया पर टिकी हैं.
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