Patna- विधानसभा के डिप्टी स्पीकर महेश्वर हजारी के इस दावे के बाद कि नीतीश कुमार इंडिया गठबंधन की ओर से पीएम फेस बनने जा रहे हैं, बिहार की सियासत में भूचाल नजर आने लगा है. वार पलटवार का दौर शुरु हो चुका है.
एक तरफ भाजपा यह दावा करने में लगी है कि यह तो महज एक शुरुआत है, अभी तो इंडिया गठबंधन के अन्दर से एक दर्जन से अधिक चेहरे पीएम फेस की रेस में कूदने वाले है. जदयू का अपना पीएम होगा तो राजद का अपना, कांग्रेस का अपना पीएम होगा तो सपा का अपना. लेकिन हकीकत यह है कि पीएम की कुर्सी को लेकर कोई वैकेंसी नहीं है. देश में पीएम मोदी से बेहतर आज कोई चेहरा नहीं है, चेहरा कोई भी हो. नीतीश कुमार हो, राहुल गांधी मोदी के जलबे के आगे किसी की दाल नहीं गलने वाला है.
इसी वार पर प्रतिवार के बीच जदयू प्रवक्ता नीरज कुमार ने यह कहकर हंगामा खड़ा कर दिया है कि एक तरफ आशाराम बापू और धीरेंद्र शास्त्री के चरणों में लोटपोट होने वाले पॉल्यूटेड लीडर हैं, तो दूसरी तरफ संयुक्त राष्ट्र राज्य की ओर सम्मानित कलाइमेट लीडर नीतीश कुमार, अब भला पॉल्यूटेड लीडर का कलाइमेट लीडर से कोई मुकाबला भी हो सकता है.
कुर्सी को अलविदा कह आडवाणी की राह पकडें मोदी
नीरज कुमार यहीं नहीं रुके, उन्होंने तंज आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी के राजनीतिक सन्यास पर तंज कसते हुए कहा कि जिस उम्र का हवाला देकर आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी को राजनीतिक अस्तबल में बांध दिया गया था, खुद मोदी भी अब उम्र के उसी पड़ाव पर पहुंच चुके हैं. जहां तक रही नीतीश कुमार के पीएम बनने की बात तो नीतीश कुमार ने यह इच्छा कभी नहीं जताई है, लेकिन भाजपा और मोदी को सपने में नीतीश कुमार की तस्वीर याद आती रहती है, नीतीश कुमार का भूत डराता रहता है, जबकि सच्चाई यह है कि नीतीश कुमार ने बेहद साफ शब्दों में यह कह दिया है कि उनकी केवल एक ही इच्छा है कि पीएम की इस कुर्सी से मोदी की विदाई हो, और उनकी यह इच्छा पूरी होने वाली है. इसमें कहीं कोई संशय नहीं है.
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