पटना (PATNA): बिहार में चुनावी माहौल दिन-ब-दिन गरमाता जा रहा है और इसके साथ ही नेताओं के बयान भी सुर्खियां बटोरने में लगे पड़े हैं. ताजा मामला राष्ट्रीय जनता दल (RJD) की विधान परिषद सदस्य (MLC) उर्मिला ठाकुर का है, जिन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव की तुलना सीधे भगवान शिव से कर दी है. 

क्या कहा उर्मिला ठाकुर ने

मुजफ्फरपुर जिले के गायघाट में डॉ. भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम के दौरान बोलते हुए उर्मिला ठाकुर ने कहा, "एक भगवान शिव थे, और दूसरा कलयुग में जिंदा भगवान लालू प्रसाद हैं"
इतना ही नहीं, उन्होंने लालू प्रसाद की तुलना भगवान श्रीराम, श्रीकृष्ण और भीष्म पितामह से भी कर डाली है. उन्होंने कहा कि, "जैसे राम, कृष्ण और भीष्म पितामह का कोई स्थान नहीं ले सकता, वैसे ही लालू प्रसाद का भी कोई स्थान नहीं ले सकता."

बयान से मचा सियासी भूचाल

अब उनके इस बयान ने राजनीतिक गलियारों में हलचल और चर्चाएँ दोनों बाढ़ चुकी है. ऐसे में एक ओर जहाँ RJD समर्थकों ने इसे श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक बताया, वहीं विपक्षी दलों ने इसे राजनीतिक चाटुकारिता की चरम सीमा कहा है. भाजपा और जदयू नेताओं ने इन बयान को धार्मिक भावनाओं से खिलवाड़ करार देते हुए चुनाव आयोग से कार्रवाई की मांग की है. 

ऐसे में यह घटना एक बार फिर से यह सवाल खड़ी करती है कि क्या धार्मिक भावनाओं का इस्तेमाल नेताओं की छवि चमकाने के लिए किया जा रहा है? क्या देवताओं से तुलना कर नेता वोट बैंक साधने की कोशिश कर रहे हैं, यह भी एक अहम सवाल है.