रांची (TNP Desk) : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने झारखंड सेंट्रल यूनिवर्सिटी (CUJ) के विद्यार्थियों से देश की समृद्धि और विकास में अहम योगदान देने की अपील की. यूनिवर्सिटी के चेरी मनातू स्थित परिसर में बुधवार को आयोजित तीसरे दीक्षांत समारोह में उन्होंने कहा कि हमारे देश के युवा इस देश के सबसे बड़े प्राकृतिक संसाधन हैं. आबादी में 55 प्रतिशत से अधिक युवा वर्ग के ही हैं. वर्ष 2030 तक दुनिया में हम तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने वाले हैं.

दूसरी बार रांची पहुंची राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

बता दें कि राष्ट्रपति बनने के बाद द्रौपदी मुर्मू का रांची दौरा दूसरी बार है. इससे पहले तीन दिवसीय दौरे पर 24 मई को रांची पहुंची थी. उस समय राष्ट्रपति मुर्मू झारखंड हाईकोर्ट के नवनिर्मित भवन का उद्घाटन किया था. वहीं खूंटी में केंद्रीय जनजातीय मंत्रालय की ओर से बिरसा कॉलेज कैंपस में महिलाओं के लिए आयोजित समारोह और रांची के ट्रिपल आईटी के दीक्षांत समारोह में भाग लीं थी.

देश और समाज के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाए युवा

द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि 2047 तक शिक्षित और समृद्ध भारत बनाने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए अनुकूल परिस्थितियों को बनाना होगा. ऐसे में यहां के जिन युवाओं को पढ़ाई के बाद मेडल मिला है, वे अपने लिए अच्छा जीवन का निर्माण ही नहीं, देश और समाज के निर्माण में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएं. विश्व गुरु बनने के सपने को पूरा करने और आने वाली पीढ़ी को इसका लाभ देने के लिए यह जरूरी है कि युवा जिस क्षेत्र में कार्यरत हों, समृद्ध और विकसित भारत के निर्माण के लिए काम करें.

ज्ञान से ही बुद्धि और कौशल का होता है विकास 

राष्ट्रपति ने कहा कि सीयूजे कैंपस के पास से ही स्वर्णरेखा नदी बहती है. ऐसा कहा जाता है कि स्वर्णरेखा नदी का जल सेवन मात्र से ही मनुष्य को ज्ञान की प्राप्ति हो जाती है. ऐसी भूमि और नदी के सान्निध्य में शिक्षा प्राप्त करना आपके लिए सौभाग्य की बात है. आपके विश्वविद्यालय का आदर्श वाक्य है “ज्ञानात् ही बुद्धि कौशलम”. इसका अर्थ है, ज्ञान से ही बुद्धि और कौशल का विकास होता है. मुझे पूर्ण विश्वास है कि सभी विद्यार्थी इस संस्थान से मिले ज्ञान का सार्थक उपयोग करेंगे. अब आप सब को जीवन की जटिल परिस्थितियों का सामना करना होगा और अपने ज्ञान से इसका हल प्राप्त करना होगा.

हमारी बेटियां सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रहीं हैं

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि राष्ट्रपति भवन में पद्म पुरस्कार प्रदान करते समय, शिक्षण संस्थानों के दीक्षांत समारोहों में, विभिन्न सेवाओं के प्रशिक्षु अधिकारियों से मिलते समय मुझे अहसास होता है कि आज हमारी महिलाएं और बेटियां सभी क्षेत्रों में श्रेष्ठ प्रदर्शन कर रही हैं. मुझे यह जानकर अत्यंत प्रसन्नता हुई कि आज स्वर्ण पदक प्राप्त कर रहे विद्यार्थियों में हमारी बेटियों की संख्या लगभग 50 प्रतिशत है. स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाली बेटियों को मैं विशेष रूप से शुभाशीष देती हूं. प्रत्येक बाधा एवं अवरोध को पार करके आपके द्वारा प्राप्त की गई सफलता, हमारे समाज के लिए तथा सुनहरे भविष्य का सपना संजोने वाली हर बेटी के लिए प्रेरणास्रोत हैं.