धनबाद(DHANBAD):  बिहार के बाहुबली पूर्व सांसद आनंद मोहन सोमवार को सहरसा की सड़कों पर "रोबिनहुड" की तरह दिखे.  एम्स सहित अन्य मांगों को लेकर आज उन्होंने सहरसा बंद का आह्वान किया था.  इस आह्वान में  जेडीयू और आरजेडी का समर्थन नहीं मिला लेकिन इसका तनिक उनको परवाह नहीं दिख रहा था.  यह बात अलग है कि भाजपा सहित अन्य संगठनों ने बंद का समर्थन किया.  पत्नी पूर्व सांसद लवली आनंद के साथ सहरसा की सड़कों पर कदमताल करते आनंद मोहन दिखे.  कहीं बिना हेलमेट के बाइक पर सवार होकर तो कहीं पैदल चलते दिखे  आनंद मोहन.  

नहीं होने देंगे सहरसा की हकमारी 

वैसे आनंद मोहन जेल से रिहाई के बाद से ही  भाजपा के निशाने पर है. जेल मैनुअल में बदलाव कर आनंद मोहन की रिहाई हुई है. सहरसा की सड़क पर आज फिर फटी आँखों से पुराने अंदाज में देखा. लोगों का भी उन्हें समर्थन मिला.  लोग बताते हैं कि कहीं जोर जबरदस्ती नहीं हुई और बंद का लोगों ने स्वेच्छा से  समर्थन किया. यह अलग बात है कि इसके लिए पिछले कई दिनों से ताबड़तोड़ फील्डिंग की जा रही थी. आनंद मोहन ने कहा कि सहरसा की बहुत हकमारी हुई है. अब वह  नहीं होने देंगे.  4 दिसंबर" 1994 को गोपालगंज के डीएम की हत्या के आरोप में उन्हें उम्र कैद की सजा हुई थी.  यह सजा 2007 में सुनाई गई थी.

10 अप्रैल 2023 को नियम में हुआ बदलाव 
 
उसके बाद से ही वह जेल में थे लेकिन इस बीच बिहार सरकार ने 10 अप्रैल 2023 को बिहार कारा हस्तक, 2012 के नियम-481(i) (क) में संशोधन करके उस वाक्यांश को हटा दिया, जिसमें सरकारी सेवक की हत्या को शामिल किया गया था.  इस संशोधन के बाद अब ड्यूटी पर तैनात सरकारी सेवक की हत्या अपवाद की श्रेणी में नहीं गिनी जाएगी, बल्कि यह एक साधारण हत्या मानी जाएगी. इस संशोधन के बाद आनंद मोहन की रिहाई  की प्रक्रिया आसान हो गई, क्योंकि सरकारी अफसर की हत्या के मामले में ही आनंद मोहन को सजा हुई थी. 

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो