TNP DESK- बिहार चुनाव को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह का दौरा जारी है. इस बीच जनसुराज के सूत्रधार ने नई राह पकड़ ली है. बिहार में भाजपा नेताओं पर लगातार आरोपों के धमाके कर रहे है. डॉक्टर दिलीप जायसवाल और स्वास्थ मंत्री मंगल पांडे फिलहाल उनके निशाने पर है. प्रशांत किशोर के आरोप के बाद बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने आखिरकार मुंह खोला और प्रशांत किशोर के लगाए गए आरोपों का जवाब भी दिया. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जिस यूनिवर्सिटी की मान्यता दिलाने की बात प्रशांत किशोर कह रहे हैं, उसमें स्वास्थ्य विभाग की कोई भूमिका नहीं होती. मंगल पांडे ने स्पष्ट किया कि आज से पौने पांच साल पहले खाते से पूरा पैसा वापस कर दिया गया है.
लोन की पूरी राशि चेक से ली गई थी और चेक से ही पिताजी के खाते से पूरा पैसा वापस किया गया. जहां तक एंबुलेंस खरीद की बात है, तो इसकी एक प्रक्रिया है. इसके लिए एक निविदा होती है, जो संबंधित पक्ष होता है, वह निविदा डालता है. इसके निष्पादन की भी एक प्रक्रिया है. निष्पादन प्रक्रिया से कोई संतुष्ट नहीं होता है तो वह कोर्ट जा सकता है. दरअसल, प्रशांत किशोर ने मंगल पांडे पर दिलीप जायसवाल से पैसा लेकर दिल्ली के द्वारका में फ्लैट खरीदने का आरोप लगाया था. प्रशांत किशोर का दावा था कि 2019 में कोरोना काल में पैसा लिया और अगले साल 2020 में दिलीप जायसवाल के मेडिकल कॉलेज को डीम्ड यूनिवर्सिटी का दर्जा दिया गया.
प्रशांत किशोर ने कहा था कि दिलीप जायसवाल ने 25 लाख मंत्री मंगल पांडे के पिता अवधेश पांडे के खाते में भेजा. उन्होंने यह पैसा मंगल पांडे की पत्नी के खाते में ट्रांसफर किए गए थे. उसके बाद इस पैसे को बिल्डर को दिया गया था. फ्लैट खरीदने के गवाह भी दिलीप जायसवाल ही थे. प्रशांत किशोर ने एंबुलेंस खरीद में भी घोटाले का आरोप लगाया था. प्रशांत किशोर स्पष्ट कह रहे हैं कि सब कोई जान रहा है कि लालू प्रसाद का परिवार पर भ्रष्टाचार के आरोप है. लेकिन भाजपा के जो लोग अपनी साथ साफ़ -सुथरी छवि बता रहे हैं, उनकी भी कहानी लंबी है. हालांकि अभी वह कह रहे हैं कि अभी तो बम फूटना बाकी है, अभी तो फुलझड़ी छूट रही है.
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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