पटना(PATNA):पटना हाईकोर्ट ने बिहार के राजद पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव को 2016 के बहुचर्चित नाबालिग दुष्कर्म मामले में बरी कर दिया है. अदालत ने कहा कि अभियोजन पक्ष पीड़िता के आरोपों को संदेह से परे साबित करने में असफल रहा, इसलिए आरोपी को संदेह का लाभ दिया जाता है.यह मामला फरवरी 2016 में सामने आया था, जब एक नाबालिग ने आरोप लगाया था कि उसे जन्मदिन की पार्टी के बहाने बोलेरो गाड़ी से गिरियक स्थित एक घर ले जाया गया. वहां शराब पीने से इनकार करने पर उसके कपड़े उतारकर बिस्तर पर धकेल दिया गया और मुंह में कपड़ा ठूंसकर एक व्यक्ति ने दुष्कर्म किया.नाबालिग ने दावा किया था कि उसे वहां ले जाने वाली महिला ने आरोपी से 30,000 रुपये लेते देखा था.

निचली अदालत ने राजबल्लभ यादव को सुनाया था आजीवन कारावास

ट्रायल के दौरान सरकारी पक्ष ने 20 गवाह और बचाव पक्ष ने 15 गवाह पेश किए. निचली अदालत ने 2018 में राजबल्लभ यादव, सुलेखा देवी और राधा देवी को आजीवन कारावास तथा तीन अन्य अभियुक्तों को 10-10 वर्ष की सजा सुनाई थी. इस सजा के बाद यादव की बिहार विधानसभा सदस्यता भी समाप्त हो गई थी.

न्यायपालिका पर हमें पूरा भरोसा था-राजबल्लभ यादव

पटना हाईकोर्ट में अपील सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष ने गवाहों के बयानों में विरोधाभास और घटनाक्रम में असंगतियों को रेखांकित करते हुए इसे राजनीतिक साजिश करार दिया. अदालत ने उपलब्ध साक्ष्यों को दोष सिद्ध करने के लिए अपर्याप्त मानते हुए सभी अपीलार्थियों को बरी कर दिया.फैसले के बाद यादव के समर्थकों में खुशी की लहर दौड़ गई. उन्होंने कहा, "हम शुरू से कह रहे थे कि वे निर्दोष हैं, न्यायपालिका पर हमें पूरा भरोसा था और आज सच्चाई सामने आ गई है.