मुंगेर(MUNGER):मुंगेर विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) के अध्यक्ष पूर्व मंत्री मुकेश सहनी ने रविवार को हंसु मंडल टोला हरिणमार में जनसभा को संबोधित किया, और कहा कि राजनीतिक रूप से संगठित समाज ही आगे बढ़ेगा.पहले रानी के कोख से ही राजा पैदा होता था पर संविधान ने हमें वोट की शक्ति दी है. आज वही राजा बनेगा, जिसके पास वोट होगा.हमे इस अधिकार और ताकत को पहचानना है. उन्होंने कहा कि निषाद समाज के विकास के लिए जरूरी है कि हम एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिया संघर्ष करें और अपने नेता और पार्टी के साथ खड़े रहें. आज हमें जायज अधिकार के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. इसका एक मात्र कारण है कि हमारे पूर्वज अपने अधिकार के लिए जागरूक नहीं हुए. कई राज्यों में आज निषादों को आरक्षण का लाभ मिल रहा है, लेकिन बिहार, यूपी और झारखंड में इस समाज को आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है. ऐसे में निषाद समाज को अपने वोट की ताकत और अपने अधिकार को समझने की जरूरत है.
जो आरक्षण नहीं देंगे उन्हें अपने नाव पर नहीं बिठाएंगे और वे पार नहीं उतर पाएंगे-सहनी
वहीं मुकेश सहनी ने कहा कि जो हमे आरक्षण देगा हम उसे ही अपने नाव पर बिठाएंगे.जो आरक्षण नहीं देंगे उन्हें अपने नाव पर नहीं बिठाएंगे और वे पार नहीं उतर पाएंगे. जो हमारे बच्चे के बारे में नहीं सोचेंगे हम उनके बारे में नहीं सोंचेंगे. हमलोगों ने आज गंगा जल लेकर यह संकल्प लिया है. ऐसे में हमलोग अपने वोट को नहीं बेचेंगे.जो लोग सोंचते हैं कि निषाद के वोट को खरीद लेंगे वे लोग मुगालते में नहीं रहें.वहीं चार राज्यों में हुए रिजल्ट पर कहा कि अभी मुझे पता नहीं है कौन दल कहां से जीती है लेकिन जो भी दल जहां से जीता है उन्हें हमारी तरफ से शुभकामना है.
हमारे नाव पर बैठना है तो किनारा लगने से पहले निषाद आरक्षण लागू करे-मुकेश सहनी
वहीं बीजेपी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जब से मेने संकल्प यात्रा निकाली, तब से बीजेपी के नेता मुझे एनडीए में शामिल होने के लिए ऑफर दे रहे है.बीजेपी वाले कहते है कि मेरे साथ आ जाइये, आपको 2025 में बिहार का मुख्यमंत्री आपको बना देंगे. उनको बता देता हूं कि मलाह का बेटा हूं जाल में मछली फंसाते है, लेकिन हम किसी के जाल में नहीं फंसते है ,हम झोपडी में रहेंगे लेकिन तुम्हारे महल में नहीं रहेंगे. मुकेश साहनी ने कहा की हम वो केवट महराज नहीं है जो दरिया पार करा देंगे. अगर हमारे नाव पर बैठना है तो किनारा लगने से पहले निषाद आरक्षण लागू करे नहीं तो पार करने के बजाय गंगा के बीच मझदार में नाव ही पलट देंगे और में तैर कर बाहर निकल जायेंगे.

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