बांका(BANKA): जिले के ऐतिहासिक स्थल लक्ष्मीपुर जंगल में वन-पर्वतों की देवी द्वारवै थान में खरीफ फसल के लिए अच्छी वर्षा की कामना को लेकर देवी की पूजा-अर्चना धूमधाम से की गई. किसान ने मुर्गा की बलि देकर माता से अच्छी वर्षा का मनुहार किया. वर्षा के लिए पहाड़ी देवी की पूजा-अर्चना की यह पुरानी परंपरा है. बौसी के सांपडहर पंचायत में जंगली मोड़ के समीप द्वारवै मेला सदियों ने मनाया जा रहा है. यहां एक छोटी सी पहाड़ी पर वन पर्वतों के देवी का स्थान है. यहां बांका के अलावा झारखंड के दुमका, देवघर जिला से भी श्रद्धालुओं का जमावड़ा पहुंचा था. एक दिवसीय मेले में 25 हजार से अधिक लोग शामिल हुए. लक्ष्मीपुर राजघराना के ठाकुर प्रताप नारायण देव के समय से ही पूजा-अर्चना की यह अनोखी परंपरा मनाई जा रही है. मनौती के लिए आठ हजार से अधिक मुर्गा के साथ काफी संख्या में पाठा की बलि भी दी गई. पुजारी द्वारवै निवासी अशोक सिंह, करण सिंह के नेतृत्व में मिट्टी की हांडी में खौलते खीर को हाथ से चला कर भोग लगाया.
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