धनबाद (DHANBAD) : 2022 में धनबाद के बैंक मोड़ स्थित मुथूट फाइनेंस में डकैती डालने की कोशिश की गई थी. अपराधी बैंक तक ऊपर पहुंच गए थे. कर्मचारियों को कब्जे में भी ले लिया था. लेकिन बैंक मोड़ पुलिस की तत्परता से डकैती की घटना विफल हो गई और घटनास्थल पर दो डकैत मारे गए थे. चार भागने में सफल भी हुए थे. जो भागे थे वह बिहार के सुबोध सिंह  गैंग के बताए गए थे. इस घटना के बाद देवघर के मधुपुर एचडीएफसी बैंक को अपराधियों ने दिनदहाड़े लूट लिया. दो करोड़ से अधिक का डाका डाला गया. अपराधी आधे घंटे तक बैंक के भीतर रहे और कर्मचारी और ग्राहकों को बंधक बनाकर लूटपाट की. घटना को अंजाम दिया और  फिर फरार हो गए. बैंक में दो गार्ड बिना हथियार के ड्यूटी करते है. 

मधुपुर बैंक डाका कांड में भी टेप चिपकाने की आ रही बात  

अपराधी जब बैंक में घुसे तो पिस्तौल का भय दिखाकर सभी को कब्जे में ले लिया.  कैश काउंटर और चेस्ट में रखे नगदी और सोना लेकर अपराधी चले गए.  सूत्र बताते हैं कि पूरी घटना को अंजाम देने के बाद बैंक से निकलते समय एक अपराधी डांस करने लगा और फिर वह सहयोगियों के साथ बाहर निकल गया.  पुलिस अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम बनाकर छापेमारी कर रही है.  यह बैंक पूर्व  सांसद फुरकान अंसारी और झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री इरफान अंसारी के घर पर किराए पर संचालित है.  बताया जाता है कि अपराधी कर्मचारी और ग्राहकों के मोबाइल छिनने के  बाद उनके हाथ में टेप साट दिए थे.   

धनबाद के मुथूट फाइनेंस में भी कर्मियों के मुंह में टेप चिपकाये गए थे 

धनबाद के मुथूट फाइनेंस में भी अपराधी बैंक में चढ़ने के बाद कर्मियों के हाथ बांध दिए थे और मुंह पर टेप चिपका दिए थे. मतलब हो सकता है कि इस गैंग का डकैती का यह तरीका रहा हो. यह बात तो तय है कि कई दिनों की रेकी करने के बाद बैंक में डाका डाला गया होगा. धनबाद के मुथूट में डाका डालने आए अपराधियों का संबंध बिहार के जेल में बंद गैंग का सरगना सुबोध सिंह से बताया गया था. इस मामले में 2022 में कई गिरफ्तारियां भी हुई थी. सुबोध सिंह को सोना लूट का मास्टरमाइंड कहा जाता है. उसके खिलाफ कई राज्यों में मामले दर्ज है. उसे  सबसे "बड़े गोल्डन थीफ" कहा जाता है. लोग बताते हैं कि अपराध की घटनाओं को अंजाम देने के लिए वह पैकेज निर्धारित करता है और उसके बाद जेल में बैठकर घटना को अंजाम दिलवाता है. 

रिपोर्ट-धनबाद ब्यूरो