टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : भ्रष्टाचार में लिप्त सरकारी अघिकारी के घर जब आर्थिक अपराध ईकाई (EOU) की टीम पहुंची तो आंखे फटी की फटी रह गई. घर में देखा कि जले हुए नोटों का भंडार है. जले हुए नोटों की मात्रा इतनी अधिक थी कि घर की नाली तक जाम हो गई थी. यह खबर जानकर आपको हैरानी होगी कि क्या सच में कोई सरकारी कर्मचारी भ्रष्टाचार में इतना लिप्त हो सकता है.

जानिए ‘काली कमाई’ की पूरी कहानी

बिहार के भागलपुर जिले के ग्रामीण कार्य विभाग के अधीक्षण अभियंता विनोद कुमार राय की संपत्ति के बारे में जानकर हर कोई हैरान है. उनके पास लगभग 100 करोड़ रुपये की संपत्ति होने का अनुमान है. खास बात यह है कि उन्होंने रात भर नोट जलाने की कोशिश की और उनकी पत्नी बबली राय पर सबूत नष्ट करने का भी आरोप है. प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) अब इस मामले में जांच शुरू करने जा रहा है.

जानकारी के मुताबिक, छापेमारी के दौरान विनोद राय की पत्नी बबली राय ने नोट जलाकर सबूत नष्ट करने की कोशिश की, जिससे घर की नालियां तक ​​जाम हो गईं. बताया जा रहा है कि बबली राय ने रातोंरात 2-3 करोड़ रुपये जलाकर सबूत नष्ट करने की कोशिश की. जानकारी के अनुसार विनोद राय की पत्नी बबली राय के नाम पर कई संपत्तियों के दस्तावेज भी मिले हैं. अब EOU पत्नी बबली के खिलाफ सरकारी काम में बाधा डालने और सबूत नष्ट करने का मामला दर्ज किया है. ईओयू के मुताबिक, राय ने रातों-रात 2-3 करोड़ रुपये जलाकर सबूत मिटाने की कोशिश की थी, लेकिन कई दस्तावेज़ और नकदी बच गई. बता दें कि यह कार्रवाई बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ ईओयू के बड़े अभियान का हिस्सा है.

15 बैंक खाते, 18 ज़मीन के दस्तावेज़, बीमा पॉलिसियां...मची खलबली

ईओयू की कार्रवाई के बाद, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने इस मामले में रुचि दिखाई और ईओयू से संपर्क कर पूरे मामले की जानकारी ली. अब ईडी मनी लॉन्ड्रिंग की जांच शुरू करने की तैयारी कर रहा है. विनोद राय के पास 15 बैंक खाते, 18 ज़मीन के दस्तावेज़, बीमा पॉलिसियां और अन्य निवेश दस्तावेज़ मिले हैं, जो उनकी आय से कहीं ज़्यादा हैं. शुरुआती अनुमानों के मुताबिक, उनकी कुल संपत्ति लगभग 100 करोड़ रुपये हो सकती है.

विनोद राय पर भ्रष्टाचार और काला धन छिपाने का आरोप

मधुबनी और सीतामढ़ी में ग्रामीण कार्य विभाग के प्रभारी विनोद राय अब जांच के घेरे में हैं. ईओयू की जांच में पता चला है कि उनकी संपत्ति उनकी सरकारी आय से मेल नहीं खाती. विनोद राय पर भ्रष्टाचार और काला धन छिपाने का आरोप है. इस बीच, जले हुए नोटों की जांच के लिए फोरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) की मदद ली जा रही है. इस मामले ने एक बार फिर बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की ज़रूरत की ओर इशारा किया है.

जानिए कौन हैं भ्रष्ट अधिकारी विनोद राय

विनोद कुमार राय एक मध्यमवर्गीय परिवार से ताल्लुक रखते हैं. इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के बाद, वे बिहार के ग्रामीण कार्य विभाग में शामिल हो गए. अपने शुरुआती करियर में, उनकी कड़ी मेहनत और तकनीकी कौशल की खूब सराहना हुई. मधुबनी और सीतामढ़ी में सड़क निर्माण और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में उनकी अहम भूमिका रही. लेकिन, समय के साथ, उनकी जीवनशैली में आए बदलावों ने सबका का ध्यान खींचा. उनका चार मंजिला आलीशान घर और लग्जरी कारें उनकी आय के अनुरूप नहीं थीं. ईओयू की छापेमारी में बबली राय के नाम पर कई संपत्तियां और बैंक खाते मिले हैं. छापेमारी के बाद पता चला कि उनकी तबीयत बिगड़ गई है और उन्हें हिरासत में लेकर अस्पताल में भर्ती कराया गया है.

मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के लिए ईडी की तैयारी

आर्थिक अपराध इकाई की कार्रवाई में मिले 15 बैंक खातों, बीमा पॉलिसियों और निवेश के दस्तावेज़ों ने मनी लॉन्ड्रिंग के संदेह को और पुख्ता कर दिया है. ईडी अब राय की संपत्तियों के स्रोत की जाँच कर रही है. आपको बता दें कि बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ ईओयू की यह तीसरी बड़ी कार्रवाई थी, जिससे सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया. विनोद राय की गिरफ्तारी और एफएसएल की फोरेंसिक जाँच से और खुलासे होने की उम्मीद है.