धनबाद(DHANBAD):  दूसरे के पैसों पर "ऐश" करने वाले साइबर अपराधियों की करतूत बढ़ती जा रही है.  लोगों से जानकारी लेकर ठगने का काम तो उनका जारी ही है, इस बीच मोबाइल चोरी कर पैसे ट्रांसफर करने का "खेल"  बढ़ गया है.  जहां कही  से मोबाइल चोरी करते हैं और फिर पैसों का ट्रांसफर कर लेते है.  इस तरह की घटनाएं लगातार हो रही है.  यह बात सच है कि पुलिस किसी सूचना पर कार्रवाई करती है, तो बड़े गैंग  से जुड़े लोग  पकड़ में  आते है.  गैंग का संचालन भी विचित्र ढंग से किया जाता है.  सैलरी पर ठगी करने वालों को रखा जाता है.  जिस इलाके के लोगो से  ठगी करना होता  है, उस इलाके के लड़कों को धनबाद बुलाया जाता है.  अगर साउथ से लोगों को ठगी करना होता है, तो उधर के लड़कों को धनबाद बुलाया जाता है.  उनको कहीं रखकर साइबर ठगी का काम कराया जाता है.  इधर , मोबाइल चोरी कर पैसे ट्रांसफर करने का "खेल "बढ़ गया है. 

 दो बैंक खाते से डेढ़ लाख से भी अधिक निकासी कर लिया गया 

 मिली सूचना के अनुसार धनबाद के मटकुरिया  के कारोबारी गोविंद बर्णवाल  के खाते से डेढ़ लाख से भी अधिक का पैसा ट्रांसफर करा  लिया गया है. यह सब मोबाइल चोरी करने के बाद किया गया है.  उन्होंने इसकी शिकायत साइबर थाने से लेकर बैंक मोड़ पुलिस तक की है.  गोविंद बर्णवाल  के केस में एक चीज जो परेशान कर रही है, वह यह की मोबाइल चोरी होने के दूसरे दिन उन्होंने सिम बंद करा  दिया.  यह काम उन्होंने ऑनलाइन कराया, दूसरे दिन उन्हें दूसरा सिम भी मिल गया.  कहा गया की सिम 4 घंटे में एक्टिवेट हो जाएगा.  सिम 4 घंटे में एक्टिवेट भी हो गया.  यह भी बताया गया की 24 घंटे के बाद मैसेज आना शुरू होगा.  लेकिन इसके पहले मोबाइल चोरी होने के दूसरे दिन और  नई सिम मिलने के बाद उनके दो बैंक खातों से निकासी कर ली गई है. दोनों बैंक खाते की राशि डेढ़ लाख से अधिक की है.  यह निकासी 2 जून को अपराह्न में की गई है.  

सब्जी बाजार से मोबाइल की हो गई थी चोरी 

हालांकि गोविंद बर्णवाल  ने एक  तारीख को ही मोबाइल चोरी होने का सनहा  बैंक मोड़ थाने में करा  दिया था.  दूसरे दिन साइबर थाने में भी शिकायत दर्ज कराइ.  गोविंद बर्णवाल  का मोबाइल पहली जून को पुराना बाजार के सब्जी मार्केट से चोरी हो गया था.  उसे चोरी के बाद उनका माथा ठनका और उन्होंने सबसे पहले कानूनी प्रक्रिया पूरी की.  सवाल उठ रहा है कि जब सिम लॉक हो गया था, दूसरी सिम उन्हें मिल गई थी, तो फिर पैसे कैसे निकाले गए.  यह एक बड़ा सवाल भी है और लोगों के लिए सचेत रहने का कारण भी.  क्या साइबर अपराधी अब इतने ठीठ  हो गए हैं कि वह किसी भी तकनीक का काट  निकाल लेते है.  सवाल उठता है कि आखिर लोग  कर भी तो क्या करें??

रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो