धनबाद(DHANBAD): राजनीति होती ही ऐसी है, हम ही जनता के सबसे बड़े हितेषी का दिखावा करने के लिए राजनीतिक दल से जुड़े लोग हर कदम अपनाते है. हम आपको दो तस्वीर में बताएंगे कि धनबाद के बलियापुर में एक ही सड़क के शिलान्यास में दो बार शिलापट्ट लगे और दोनों बार अलग-अलग माननीय के नाम उसमें दर्ज है. अंतर 6 सालों का है, लेकिन अभी तक यह सड़क बन नहीं पाई है. इस सड़क का पहला शिलान्यास 18 फ़रवरी " 2018 को हुआ था. जिसके शिलापट्ट पर माननीय सांसद पशुपतिनाथ सिंह और माननीय विधायक फूलचंद मंडल के नाम है.
पहले शिलापट्ट में तिथि 18 फरवरी 2018 अंकित है
यह 18 फरवरी 2018 को किया गया है, फिर एक दूसरी तस्वीर का अवलोकन करिये. यह वही सड़क है, जिसका शिलान्यास 6 अक्टूबर 202 4 को फिर से हुआ. इस शिलापट्ट में माननीय सांसद ढुल्लू महतो और माननीय विधायक इंद्रजीत महतो के नाम दर्ज है. यह शिलान्यास 6 अक्टूबर 2024 को करने की बात शिलापट्ट में लिखी गई है. यह सड़क है, बलियापुर हवाई पट्टी से सुबरिया तक की, सड़क की लंबाई 3 किलोमीटर बताई गई है. इस संबंध में The Newspost ने जब बलियापुर के विधायक चंद्रदेव महतो से फोन पर संपर्क किया, तो उन्होंने कहा कि नया शिलापट्ट लगाने की सूचना उन्हें भी मिली है.
6 अक्टूबर 2024 का शिलापट्ट अभी कच्चा बताया गया है
उन्होंने इसकी जांच कराई है. 6 अक्टूबर 2024 की तिथि से जो शिलापट्ट लगा है, वह अभी कच्चा है. मतलब दो चार पांच दिन पहले ही यह लगाई गई है. अब आपको बताते हैं कि इसके पीछे की क्या-क्या वजह हो सकती है. दरअसल, शिलापट्ट में नाम को लेकर झारखंड सरकार का एक आदेश है. इस आदेश में कहा गया है कि केंद्र सरकार की योजना अथवा केंद्र प्रायोजित योजनाओं में मुख्यमंत्री, केंद्रीय मंत्री, केंद्रीय राज्य मंत्री, राज्य सरकार के मंत्री, स्थानीय सांसद और स्थानीय विधायक के नाम रहेंगे. जबकि राज्य सरकार की योजनाओं में मुख्यमंत्री, विभागीय मंत्री, स्थानीय मंत्री, बीस सूत्री के प्रभारी मंत्री और केवल स्थानीय विधायक के नाम रहेंगे. यह आदेश 4 साल पुराना है. अब सवाल उठ रहा है कि अगर 2024 में इस सड़क का शिलान्यास अगर हुआ भी है, तो सांसद का नाम कैसे लिखा गया है.
वैसे भी शिलापट्ट की राजनीति सब जगह खूब होती है
वैसे भी शिलापट्ट की राजनीति खूब होती है. विधायक- सांसद में विवाद होते रहते है. कार्यों का श्रेय लेने की होड़ मची रहती है. खासकर जब सांसद किसी दूसरे दल के हो और विधायक किसी दूसरे दल के, तो यह विवाद अधिक हो जाता है. सिंदरी के विधायक चंद्रदेव महतो माले से पहली बार विधायक बने हैं ,तो धनबाद के सांसद ढुल्लू महतो भी पहली बार ही सांसद बने है. आखिर शिलापट्ट को लेकर बलियापुर से ही विवाद की हाल के दिनों में शुरुआत क्यों हुई है? इसके पीछे क्या योजना हो सकती है? इसका खुलासा तो आगे होगा, लेकिन इस शिलापट्ट में नाम अंकित करने को लेकर सिंदरी के विधायक रेस है. देखना है इस मामले में अब आगे -आगे होता है क्या?
रिपोर्ट -धनबाद ब्यूरो
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