टीएनपी डेस्क (TNP DESK) : झारखंड हाईकोर्ट ने पेसा कानून को लेकर कड़ा रूख अपनाया है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी झारखंड में पेसा कानून लागू नहीं होने से सरकार से जवाब मांगा है. इसके साथ ही मुख्य सचिव और पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव को अवमानना का नोटिस भी जारी किया है.
आदेश के बाद भी पेसा नियम लागू नहीं करने को लेकर दायर अवमानना याचिका पर बीते बुधवार को झारखंड हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायमूर्ति राजेश शंकर की खंडपीठ ने कोर्ट के सुनवाई की. सुनवाई के बाद कोर्ट ने मुख्य सचिव और पंचायती राज विभाग के प्रधान सचिव को अवमानना का नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को पांच अगस्त तक जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है.
हाईकोर्ट ने 2024 में ही पेसा एक्ट लागू करने का दिया था निर्देश
हाईकोर्ट ने जुलाई 2024 में एक साथ कई जनहित याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सरकार को दो माह के अंदर नियम बनाकर पेसा एक्ट लागू करने का निर्देश दिया था. लेकिन सरकार ने अब तक इसका अनुपालन नहीं किया है. इसको लेकर आदिवासी बौद्धिक मंच की ओर से अवमानना याचिका दायर की गई है.
याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य बने 25 साल होने जा रहे हैं. राज्य का गठन आदिवासियों के हितों और उनके उत्थान के लिए हुआ था, लेकिन अब तक सरकार पेसा एक्ट के नियम नहीं बना पाई है. किसी तरह राज्य में काम चल रहा है. जबकि पेसा कानून 1996 में ही बना था.
सुनवाई के दौरान सरकार ने बताया कि नियमों को लागू करने की प्रक्रिया जारी है. इस पर काम किया जा रहा है. पंचायती राज अधिनियम और अन्य अधिनियमों के माध्यम से पेसा कानून के प्रावधानों को राज्य में लागू किया गया है. राज्य सरकार ने संविधान में दिए गए अधिकारों के तहत ऐसा किया है. सरकार ने कोर्ट से समय मांगा और कहा कि अगली तारीख पर विस्तृत जानकारी दी जाएगी. इसके बाद कोर्ट ने दोनों अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.
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