रांची(RANCHI):दिशोम गुरु शिबू सोरेन के संस्कार भोज में लाखों लोग पहुंचे. इसमें देश की जाने माने हस्ती भी पहुँच कर बाबा को श्रद्धांजलि दी है. ऐसे में सभी नेता श्रद्धांजलि के बाद एक डायरी पर कुछ लिख रहे थे. इस समय CM हेमंत भी साथ ही मौजूद दिखे है. ऐसे में अब सवाल है कि आखिर उस डायरी पर राजनाथ सिंह समेत सभी नेताओं ने क्या लिखा है. इस खबर में बताएँगे की आखिर राजनाथ सिंह गुरूजी के लिए क्या लिख कर गए है.
सबसे पहले बात करें तो दिशोम गुरु के निधन के बाद से ही देश में शोक की लहर थी. हर तरफ लोग उदास दिख रहे थे. हर गांव में मातम मचा हुआ था. इसके बाद जब नेमरा स्थित गांव में अंतिम संस्कार हुआ तो देश की जानी मानी हस्ती पहुंची. राहुल गाँधी खुद अंतिम संस्कार में पहुंच गए. इसके अलावा लाखों की भीड़ गुरूजी को अंतिम बार जोहर बोलने को बेताब दिखी.
ऐसे में जब 16 अगस्त को गुरूजी के श्राद्ध कर्म का संस्कार भोज हुआ तो रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह भी नेमरा गांव पहुंचे. दिशोम गुरु शिबू सोरेन को श्रद्धॉंजलि दी.इसके बाद उन्होंने मीडिया से भी बात की और कहा कि दिशोम गुरु अब कोई दूसरा नहीं होगा. शिबू सोरेन का संघर्ष और आंदोलन सदैव ज़िन्दगी में याद रखा जायेगा. साथ ही उन्होंने उस डायरी पर जो कुछ लिखा उसे जान कर और पढ़ कर हेमंत भी भावुक हो गए.
राजनाथ सिंह ने लिखा कि दिशोम गुरु शिबू सोरेन अब हमारे बीच नहीं रहे. लेकिन उनकी स्मृति हमारे जीवन में सैदव रहेगी. उन्होंने आगे लिखा कि अगर भगवान बिरसा मुंडा के बाद भारत में आदिवासी में कोई योद्धा थे तो वह दिशोम गुरु बाबा शिबू सोरेन थे. आगे उन्होंने लिखा मेरी कई बार मुलाकात बाते हुई थी. इसमें उनकी सहजता ,सरलता और सहज रूप से प्रभावित करती थी.
उन्होंने लिखा शिबू सोरेन एक नेता नहीं आदिवासी समाज के साथ देश के अन्य समाज के अभिभावक के रूप में जाने जाते थे और जाने जायेंगे।उन्होंने आगे लिखा कि ऐसे नेता ऐसे अभिभावक को उनकी और उनके दल की ओर से भावभीनी श्रद्धांजलि......
ऐसे ही अपने शब्द सभी नेताओं ने गुरूजी के लिए लिखा है. अब इस डायरी में लिखी बात हमेशा गुरु जी के लिए जब किताब या स्मृति बुक प्रिंट होगी तो इन सभी की बातो को उसमें लिखा जायेगा.जिससे आने वाली पीढ़ी यह जान सके की गुरु जी कौन थे और कितनी बड़ी सख़्सियत झारखण्ड के एक छोटे से गांव से निकल कर बने.
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