पलामू(PALAMU): किसान धान अधिप्राप्ति केंद्र में धान बेचने के बाद सरकारी बाबू के कार्यालय में चक्कर लगाने को मजबूर हैं . सरकार का प्रावधान सिर्फ कागजी फाइल तक ही सीमित रह गया. किसान धान अधिप्राप्ति केंद्र में  धान बेचने के महीनों बाद उनके पैसे का भुगतान नहीं किया जा सका है. जबकि धान बेचने के तीन दिन के अंदर आधा पैसा देने का प्रावधान रखा गया है.     

बीस दिन बीत जाने के बाद भी नहीं हुआ भुगतान 

हुसैनाबाद, हैदरनगर और मोहम्मदगंज के किसान अपना धान अधिप्राप्ति केंद्र में देकर बीस दिनों से पैसे के लिए अधिकारियों का चक्कर काट रहे हैं. मोहम्मदगंज के किसान अबुनसर सिद्दीकी, अफरोज अहमद सिद्दीकी, हैदरनगर के किसान अरबिंद सिंह, संजय सिंह समेत अन्य ने बताया कि उन्होंने अपना धान धान अधिप्राप्ति केंद्र को गत 7 जनवरी को दिया है.सरकार के आदेशानुसार आधी राशि का भुगतान तीन दिनों के अंदर करना था. मगर बीस दिन बीत जाने के बाद भी उन्हें एक पैसे का भुकतान नहीं हो पाया है.

किसानों ने इस संबंध में प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी ,सहकारिता पदाधिकारी और जिला आपूर्ति पदाधिकारी से भी संपर्क किया. अधिकारियों ने बताया कि निधि के अभाव में भुकतान नहीं हो पाया है. निधि उपलब्ध होते ही भुगतान कर दिया जायेगा. किसानों ने बताया कि कर्ज उधार कर उन्होंने खेती की. सरकार के धान अधिप्राप्ति केंद्र को धान इस लिए दिया कि उन्हें अच्छी कीमत मिल जायेगी. मगर अच्छी कीमत के चक्कर में वो पैसे पैसे के मोहताज हो गए हैं. बकाया आवंटन आएगा और कब भुगतान होगा स्पष्ट नहीं है. उधर  व्यापार मंडल हुसैनाबाद के अध्यक्ष कृष्णा बैठा ने प्रेस विज्ञप्ति ज़ारी कर कहा कि झारखंड सरकार की अति महत्वाकांक्षी योजना धान अधिप्राप्ति केंद्र के माध्यम से किसानों के धान ख़रीदे जा रहे हैं. लेकिन किसान के खातों में पैसे नहीं आ रहे हैं. जिसके कारण किसान परेशान हैं. झारखंड सरकार के द्वारा आदेश ज़ारी हुआ था कि तीन दिन के अंदर आधे पैसे खाते में डाल दिये जाएंगे. और आधे पैसे तीन महीने के अंदर दिए जायेंगे. लेकिन  किसानों को एक माह के बाद भी  उनके खाते में पैसे नहीं आए. अभी लगन का समय चल रहा है. जिसके कारण किसानों को और ज़्यादा परेशानियां  हो रही हैं. किसी की बेटी की शादी है तो किसी को इलाज कराना है. कृष्णा बैठा ने सरकार से मांग की है कि  किसानों को धान का पैसा तत्काल  भुगतान कराने की व्यवस्था करें.