रांची(RANCHI): राज्यसभा प्रत्याशी को लेकर सरकार में शामिल गठबंधन की दोनों पार्टियों कांग्रेस और झामुमो के बीच ठन गयी है. झामुमो द्वारा राज्यसभा प्रत्याशी घोषित करने के बाद कांग्रेस तिलमिला उठी है. कांग्रेस इस बार राज्यसभा के लिए अपना प्रत्याशी चाह रही थी. इसलिए कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे के रांची आते ही पूरे विधायक दल के साथ पार्टी के लोगों से विचार विमर्श के लिए बैठक रखी गई. सुबह से ही शुरू इस बैठक में कांग्रेस के सभी नेता, विधायक और मंत्री मौजूद दिखें. मगर, राज्य के मंत्री रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम इस बैठक से गायब दिखें. आखिर क्या मजबूरी रही होगी कि इतने जरूरी बैठक में जहां पार्टी की ओर से अहम फैसला लिया जाना है, उससे ये दोनों नेता गायब हैं.
कहां गायब हैं दोनों मंत्री?
रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम की बात करें तो इन दोनों नेताओं के लिए लगता है जैसे मंत्री पद पर बने रहना मजबूरी है क्योंकि, वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव के पेट्रोल और डीजल पर से वैट कम ना करने से राज्य की जनता ऐसे ही उनसे नाराज है, उनके इस फैसले से कांग्रेस का भी बंटाधार हुआ है. वहीं आलमगीर आलम की भी कहानी कुछ ऐसी ही हैं. अब सवाल ये उठता है कि जहां राज्य भर के कांग्रेस कार्यकर्ता झामुमो के फैसले से नाराज हैं और पार्टी कमान से कड़े फैसले की उम्मीद लगाए बैठे हैं, ऐसे में क्या रामेश्वर उरांव और आलमगीर आलम के लिए पार्टी के कार्यकर्ताओं का कोई मोल नहीं है और अगर ऐसा नहीं है तो वे इस अहम बैठक से गायब क्यों हैं?
वही बता दें कि कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे पार्टी के सभी नेता और विधायक से विचार विमर्श कर रहे हैं. पार्टी प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने कहा कि सभी से बात करने के बाद ही आखिरी फैसला लिया जाएगा.

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