रांची(RANCHI): झारखंड आंदोलनकारियो को झारखंड मंत्रालय सभागार में एक कार्यक्रम आयोजित कर सम्मानित किया गया. इस दौरान कई आंदोलनकारी मुख्यमंत्री के भाषण खत्म होते ही सभागार में हंगामा करने लगे. इसके कारण शिबू सोरेन का भाषण नहीं हो सका. आंदोलनकारी पेंशन के नियमों से नाराज थे. आंदोलनकारियो ने कहा कि उन्हें प्रखंड और जिले में सम्मान नही दिया जा रहा है. वहीं कई आंदोलनकारियों की पेंशन भी साल भर से बंद है. आंदोलकारियों ने कहा कि पेंशन में से जेल की बाध्यता खत्म होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के परिजनों की किसी भी नियुक्ति में सीधी नियुक्ति हो.
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सरकार आपको हक दिलाने के लिए काम कर रही है : मुख्यमंत्री
इससे पहले मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने कहा कि कितनी कठिनाई से झारखंड राज्य मिला है यह आप सब जानते हैं. उन्होंने कहा कि जब झारखंड को अलग राज्य की मांग किया जा रहा था तो लोग हंसते थे. उन्होंने कहा कि जिस तरह देश की आज़ादी की लड़ाई लड़ी गयी है. वैसे ही झारखंड के अलग राज्य के लिए भी लड़ाई लड़ी गयी है. उन्होंने कहा कि खेत-खलिहान छोड़ कर लोगों ने आंदोलन किया है. उन्होंने कहा कि झारखंड आंदोलन में जो लोग भी शामिल थे उन आखिर पंक्ति तक खड़े लोगों को सम्मान दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आपके हक़ की हर चीजें आप तक कैसे पहुंचे, इसके लिए सरकार काम कर रही है.

आंदोलनकारियों के पेंशन में बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि आंदोलनकारियों के पेंशन में बढ़ोतरी करने का निर्णय लिया गया है. जो तीन माह जेल में रहे हैं, उन्हें 3 हजार पेंशन, 6 माह से एक साल जेल वालों को 5 हजार रुपये, एक साल से अधिक जेल में रहनेवालों को 7 हजार पेंशन दिया जाएगा और सरकारी नौकरी में आंदोलनकारियों को विशेष मौका दिया जाएगा. कोई भी बुजुर्ग बिना पेंशन के नहीं रहेगा. आने वाले दिनों में कोई भी बुजुर्ग बिना पेंशन के नही रहेंगे.
रिपोर्ट: समीर हुसैन, रांची

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