रांची (RANCHI) 4 जून, 2022 को विकास भारती द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस की पूर्व संध्या पर वृक्षारोपण, जल संरक्षण एवं जन-स्वास्थ्य अभियान के राज्यस्तरीय शुभारंभ के अवसर पर राज्यपाल रमेश बैश ने संदेश दिया है. अपने लिए तो सभी जीते हैं, लेकिन जो व्यक्ति अपने देश व समाज के लिए कुछ करते हैं, उसका नाम सदा रह जाता है. विकास भारती द्वारा पर वृक्षारोपण, जल संरक्षण एवं जन-स्वास्थ्य अभियान समाजहित में एक नेक पहल है. पर्यावरण एवं जन-स्वास्थ्य के प्रति संवेदनशील होकर इस प्रकार के प्रयास करने के लिए स्वयंसेवी संस्था ‘विकास भारती’ को मैं बधाई देता हूँ. पद्मश्री अशोक भगत को समाजहित में ऐसे कार्य करने के लिए शुभकामनायें देता हूँ और आशा करता हूँ कि आप इसी प्रकार परोपकार के मार्ग पर चलते रहें.
पर्यावरण सुरक्षा आज पूरे विश्व के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है
परोपकार से बड़ा कोई पुण्य नहीं और परपीड़न देने से बड़ा कोई पाप नहीं.परोपकारी मनुष्य के स्वभाव में ही दूसरों का भला करने के साथ विभिन्न समस्यायों का निदान करना होता है. परोपकार के मार्ग पर चलने से अलौकिक आनंद मिलता है.सुदूरवर्ती ग्रामीण इलाके में संस्था द्वारा लोगों के कल्याण के लिए कार्य किया जाना सराहनीय है. झारखंड के परिप्रेक्ष्य में विकास भारती जैसे संस्था पर्यावरण की दिशा में अहम भूमिका का निर्वाह कर सकते हैं.इस संस्था में लोगों को पर्यावरण सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करने की क्षमता है तथा पर्यावरण संबंधी चुनौतियों का सामना करने के लिए यह एक मॉडल तैयार कर सकती है. विकास भारती को राज्य के विश्वविद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों को इंटर्नशिप के तहत पर्यारवरण सुरक्षा व समाज सेवा के प्रति प्रेरित करने की दिशा में भी प्रयास करना चाहिये.विकास भारती अधिक-से-अधिक लोगों को स्वरोजगार के साधन से जोड़ने का भी प्रयास कर सकती है.पर्यावरण सुरक्षा आज पूरे विश्व के लिए एक बहुत बड़ी चुनौती है.पूरी दुनिया चिन्तित हैं, विभिन्न सम्मेलनों में इस पर गंभीर चर्चायें हो रही हैं.प्रकृति के खिलाफ संघर्ष करने की प्रवृति ने पर्यावरण का इतना नुकसान कर दिया है कि अब हमें उसके संरक्षण की जरूरत पड़ रही है.
अपने जीवन में अधिक-से-अधिक पौधे लगाएँ तथा पर्यावरण संरक्षण में अमूल्य योगदान दें
राज्य प्राकृतिक सौंदर्य से सुशोभित है.वन, पहाड़, झरने जैसी चीजें हमारी जिंदगी में एक अहम भूमिका निभा रहे हैं.अपनी इस निराली, मनमोहक प्रकृति को बचाकर रखना है.राज्य के सभी नागरिकों से अपेक्षा है कि वे अपने जीवन में अधिक-से-अधिक पौधे लगाएँ तथा पर्यावरण संरक्षण में अमूल्य योगदान दें ताकि आगे आनेवाली पीढ़ी का भविष्य सुरक्षित हो सके.झारखंड राज्य में प्रकृति ने खूबसूरती के साथ प्रचुर मात्रा में खनिज संपदा प्रदान की है, यदि इसका सुनियोजित व योजनाबद्ध तरीके से उपयोग किया जाय तो दुनिया की कोई ताकत हमारे राज्य की तेज गति से समृद्धि की राह पर जाने से रोक नहीं सकती, सिर्फ पर्यावरण संतुलन को ध्यान में रखते हुए इसके लिए भी कार्य करने की जरूरत है.पर्यावरण संतुलन के लिए राज्य में उद्योग-धंधे, कल-कारखाने नहीं स्थापित हो.औद्योगिक विकास हो, लेकिन संतुलन जरूरी है.औद्योगिकीकरण और पर्यावरण में संतुलन होना चाहिये. औद्योगिकीकरण पर्यावरण की कीमत पर नहीं किया जाना चाहिये.विकास के साथ-साथ पर्यावरण का भी विशेष ध्यान रखना प्रत्येक मानव का दायित्व व धर्म है. शहरी क्षेत्रों का विस्तार सुनियोजित योजना के तहत किया जाय.

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