रांची- झारखंड में पिछले लगभग 1 महीने से अफसरों के मुंह बंद हैं. खासकर सीनियर अफसरों ने अपना मुंह बंद कर रखा है फाइलों का मोमेंट भी बहुत धीमा हो गया है.यह हाल है झारखंड के मुख्यालय स्थित सीनियर ऑफिसर्स का कहीं कोई अफसर कुछ बोलता भी है तो उसकी धड़कन तेज हो जा रही है अधिकांश अवसरों ने किसी भी खबर पर बयान देने से परहेज शुरू कर दिया है.
मीडिया से बच रहे अधिकारी
एक आईएएस अफसर ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि उन लोगों को ऊपर से निर्देश है कि वह कम से कम अपना मुंह खोलें मीडिया में बयान देने से बचें. जब से आईएएस अधिकारी पूजा सिंघल की गिरफ्तारी हुई है. तब से आईएएस अफसरों को डर सताने लगा है.एक आईएएस अधिकारी ने कहा कि वे लोग यह ईश्वर से मनाते हैं कि वे कोई विवादित फाइल पर किसी दबाव में स्वीकृति ना दे दे.
ED के राडार पर कई अधिकारी
ईडी और सीबीआई जैसी केंद्रीय एजेंसियों का खौफ आईएएस अफसरों में देखा जा रहा है. अपने कर्म और कुकर्म को सभी याद कर रहे हैं. कब ईडी से बुलावा आ जाए इस चिंता में कई अधिकारी हैं.
सत्ता से खेलने वाले अधिकारी ख़ौप में
सत्ता के प्रभाव में रहने वाले कई अधिकारियों को रात में ठीक से नींद नहीं आ रही है. उन्हें ऐसा लगता है कि वह कहीं फंस ना जाएं. अधिकारियों के इस या खौफ से कई विभागों में संचिका ओं का मूवमेंट ही धीमे हो गया है. इसका असर सरकारी योजनाओं के क्रियान्वयन पर पढ़ रहा है.

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