चाईबासा (CHAIBASA) जिले में दोनों राष्ट्रीय पार्टियों के जिलाध्यक्षों के पद खाली है. JMM की वर्चस्व वाले क्षेत्रों में राष्ट्रीय पार्टियों के जिलाध्यक्ष पदों के लिए समुद्रमंथन जारी है . भाजपा जिलाध्यक्ष नोवामुंडी निवासी विपिन पुरती ने पिछले दिनों पंचायत चुनाव के परिणाम आने के बाद अपने पद से इस्तीफा दे दिया था. कांग्रेस में भी लंबे समय से जिलाध्यक्ष का विधिवत चुनाव नहीं होने से कार्यकारी जिलाध्यक्ष से ही काम चलाया जा रहा है. लेकिन भावी चुनावों को देखते हुए दोनों दलों ने अब जोर-शोर से नये जिलाध्यक्ष की तलाश शुरू कर दी है. बता दें कई  इस जिले की पांच विधानसभा सीटों में से चार में झामुमो का कब्जा है. जबकि एक सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. ऐसे में भाजपा कहीं नहीं है. 

 

कांग्रेस: एक पद के लिए कई दावेदार 

कांग्रेस में एक अनार सौ बीमार वाली हालत है. जिलाध्यक्ष की दौड़ में तीन नाम मुख्य रूप से चर्चा में हैं, जिसमें वर्तमान कार्यकारी जिलाध्यक्ष रंजन बोयपाई, पुराने कांग्रेसी कृष्ण सोय और बुजुर्ग कांग्रेसी अंबुर राय चौधरी का नाम शामिल हैं. युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष के चुनाव में भी कुछ ऐसा ही जलवा देखने को मिला था.चर्चा है कि मुखिया रह चुके पुराने कांग्रेसी कृष्ण सोय इस दौड़ में आगे हैं. रंजन बोयपाई को भी यह जिम्मेदारी दी जा सकती है. पुराने बुजुर्ग कांग्रेसी अंबुर राय चौधरी भी जिलाध्यक्ष बनने के इच्छुक है. इसके लिये वे जोर भी लगा रहे हैं, लेकिन युवा कार्यकर्ता इसके विरोध में दिखते हैं. इसलिये उसकी राह कठिन दिखती है. इनमें सांप-सीढ़ी का खेल चालू हो गया है. कांग्रेसी दो खेमों में बंट गये हैं. हालांकि चर्चा ये भी है कि जिनको कोड़ा दंपत्ति की कृपा प्राप्त होगी वही जिलाध्यक्ष का ताज पहनेगा.

भाजपा में भी दावेदार कम नहीं

जबकि भाजपा में मनोहरपुर के पूर्व विधायक गुरूचरण नायक, मझगांव के पूर्व विधायक तथा मंत्री बड़कुंवर गगराई, भूषण पाट पिंगुवा तथा चक्रधरपुर के पूर्व विधायक शशिभूषण सामद को प्रबल दावेदार बताया जा रहा है. इनमें सबसे अनुभवी बड़कुंवर तथा गुरुचरण हैं. ऐसे में इनमें से ही किसी के जिलाध्यक्ष बनने की संभावना जतायी जा रही है. भाजपा और कांग्रेस दोनों पांच विधानसभा सीटों वाले इस जिले में अपने खिसकते जनाधार को फिर हासिल करना चाहते हैं. इसके लिये जिलाध्यक्ष पद की जिम्मेदारी काबिल और कर्मठ नेता को दिये जाने की चर्चा है जो पार्टी को जमीनी स्तर से सशक्त बना सके. पिछले दिनों भाजपा के बड़े नेताओं ने इस सिलसिले में चाईबासा का दौरा भी किया था.

रिपोर्ट : संतोष वर्मा (चाइबासा)