रांची- राज्यपाल रमेश बैस ने 10 जून को रांची के मेन रोड में हुए उपद्रव को लेकर अधिकारियों को राजभवन तलब किया.उन्होंने डीजीपी नीरज सिन्हा, एडीजी अभियान, रांची डीसी और एसएसपी को बुलाकर पूरी घटना की जानकारी ली.
राज्यपाल ने सीधे तौर पर अधिकारियों से पूछा कि धरना -प्रदर्शन और जुलूस के बारे में प्रशासन के पास क्या जानकारी थी और इसके संबंध में क्या व्यवस्था की गई थी.राज्यपाल ने यह भी पूछा कि प्रदर्शन को लेकर प्रशासन के पास क्या इनपुट्स थे.
राज्यपाल ने यह भी पूछा कि जुलूस के दौरान सुरक्षाकर्मी और दंडाधिकारी कितनी संख्या में मौजूद थे ? प्रशासन ने प्रीवेंटिव मेजर्स क्यों नहीं अपनाया गया, वाटर कैनन, रबर बुलेट और आंसू गैस का इस्तेमाल क्यों नहीं हुआ.डीजीपी नीरज सिन्हा ने राज्यपाल रमेश बैस को बताया कि खुफिया एजेंसियों के माध्यम से 150 लोगों के इसमें शामिल होने की और मदद करने की आशंका जताई गई थी.राज्यपाल ने पुलिस को आदेश दिया कि जितने भी लोग इस घटना में शामिल है, उनके बारे में पूरी सूचना नाम और पता सार्वजनिक रूप से जारी किया जाए और होर्डिंग लगाकर उनके फोटोग्राफ्स सार्वजनिक स्थल पर लगाए जाएं. इसके अलावा राज्यपाल ने गुमला में दुष्कर्म के आरोपी को कैसे जिंदा जला दिया गया, रांची में गहना व्यवसाई राजेश कुमार पाल की हत्या, आदित्यपुर में तीन युवकों की गोली मारकर हत्या,इसके अलावा जमशेदपुर में गवाही देने पर घर में घुसकर युवक मनप्रीत की हत्या के संबंध में पूरी जानकारी मांगी है.
रांची में हुई हिंसा पर राज्यपाल सख्त : अफसरों को किया तलब पूछा ये सवाल !

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