टीएनपी डेस्क (TNP DESK): अग्नीपथ योजना (Agnipath Scheme) के खिलाफ पूरे भारत में उबाल है. भारत के ज्यादातर राज्यों के युवा सड़क पर हैं और प्रदर्शन कर रहे हैं. कई जगह विरोध हिंसक भी हो गया. प्रदर्शनकारी कही ट्रेनें जला रहे हैं, तो कही पुलिस कर्मियों के साथ झड़प करते हुए नजर आ रहे हैं. 18 जून को बिहार बंद के दौरान हिंसा की खबरें बहुत मिली थीं. आज भारत बंद की अफवाह कल से चल रही थी, जबकि किसी भी संगठन ने इसका आह्वान नहीं किया है. यही सबब है कि झारखंड में भी इसका कुछ खास प्रभाव सुबह से दोपहर तक देखने को नहीं मिला. एहतियात के तौर पर स्कूल बंद कर दिये गए हैं. वहीं पुलिस और प्रशासन हाई अलर्ट पर है. रेलवे स्टेशन की स निगरानी रखी जा रही है. बस अड्डों, बाजारों, शॉपिंग मॉल के आसपास भी सुरक्षा व्यवस्था सख्त हैंं. तो चलिए आपको बताते है बंदी के बीच झारखंड के कुछ जिलों का हाल.
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रांची ( RANCHI) से रिपोर्टर समीर हुसैन की रिपोर्ट के अनुसार झारखंड की राजधानी में इसका मिला-जुला असर देखने को मिल रहा है. सड़कों पर वाहन का परिचालन सामान्य रूप से हो रहा है. सभी दुकानें आम दिनों की तरह खुली हैं. मुर्गा दुकान, मीट दुकान, सब्जी दुकान, मछली दुकान, फल दुकान तक खुले हैं. आवागमन अन्य दिनों की ही तरह चल रहे हैं. लोग अपने घरों से बाहर निकले हैं. हालांकि रांची की फिज़ा कुछ दिन पहले से ही खराब थी. ऐसे में अब अग्नीपथ योजना के कारण बंदी होना प्रशासन के लिए सीधी चुनौती है. प्रशासन और पुलिस तत्परता से अपने काम में लगी हुई है. वहीं हर चौक-चौराहों पर CCTV कैमरे के माध्यम से नज़र रखी गई है.

जमशेदपुर (JAMSHEDPUR) से हमारे रिपोर्टर रंजीत ओझा ने खबर भेजी है, जिसके अनुसार झारखंड की आर्थिक राजधानी जमशेदपुर में भारत बंद का कुछ खास असर नहीं देखा जा रहा है. यहां nh-33 पर गाड़ियों का परिचालन समान्य रूप से हो रहा है. वहीं जिले में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए ंहै. टाटानगर रेलवे स्टेशन आदित्यपुर स्टेशन के साथ चक्रधरपुर रेल मंडल के तमाम स्टेशनों पर विशेष पुलिस फोर्स को तैनात किया गया है. वहीं बस स्टैंड सहित अन्य चौक चौराहों पर पुलिस का पुख्ता इंतजाम है. वैसे जमशेदपुर का बाजार खुला है. सरायकेला और चाईबासा में भी इसका मिलाजुला असर देखा जा रहा है. यू कहे बंदी का असर कोल्हान में नहीं दिख रहा है. हालांकि हर रोज की तरह ही बाजार खुली है और लोग अपने अपने काम में व्यस्त हैं. लेकिन प्रशासन की नजर हर चौक चौराहों पर है.

लोहरदगा (LOHARDAGA) के रिपोर्टर गौतम लेनिन से मिली जानकारी की मानें तो भारत बंद का लोहरदगा में मिलाजुला असर देखने को मिल रहा है. यहां लंबी दूरियों की गाड़ी नहीं चल रही है. वहीं लोग ऑटो का सहारा लेकर अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं. लोहरदगा शहरी क्षेत्र की दुकानें और ग्रामीण क्षेत्र की दुकानें भी खुली हुई है. राज्य सरकार के निर्देशानुसार लोहरदगा में सुरक्षा व्यवस्था का पुख्ता इंतजाम किया गया है. चारों ओर सुरक्षा बल तैनात हैं. अग्निपथ योजना को लेकर विपक्ष समेत कई संगठनों के द्वारा आज भारत बंद का आह्वान किया गया है. भारत बंद को लेकर सुबह से ही सुरक्षा बल विभिन्न चौक चौराहों पर तैनात है. और बंद समर्थकों की गतिविधियों पर भी नजर रखी जा रही है. ताकि लोहरदगा में शांतिपूर्ण तरीके से बंद रह सके. हालांकि लोहरदगा में बॉक्साइट ढुलाई और खनन कार्य बाधित है. एसपी आर राम कुमार ने स्वयं सुरक्षा व्यवस्था का मोर्चा खुद संभाले हुए है.

गिरिडीह (GIRIDIH) से रिपोर्टर दिनेश कुमार से मिली जानकारी के अनुसार अग्निपथ भर्ती प्रक्रिया योजना के तहत अग्निवीरों की बहाली के खिलाफ सोमवार को राष्टव्यापी बंद का कोई असर गिरिडीह में देखने को नहीं मिला. जबकि गिरिडीह मधुपुर ट्रेन सेवा में अहले सुबह के पहले फेरे का ट्रेन भी यात्रियों को लेकर मधुपुर से गिरिडीह स्टेशन पहुंचा, और गिरिडीह से ही यात्रियों को लेकर मधुपुर की और रवाना हुआ. इस दौरान हालात पर नजर रखने के लिए नगर थाना प्रभारी राम नारायण चौधरी अपने पुलिस अधिकारियो और जवानों के साथ सुबह से ही शहर में मुस्तैद दिखे. शहर के बस पड़ाव में सामान्य दिनों की तरह यात्री वाहन का परिचालन होता रहा. यात्री भी बेखौफ बस और ट्रेन से अपने गंतव्य स्थान पर जाते दिखें. हालांकि राज्य सरकार के निर्देश पर हर स्कूल पूरी तरह से बंद ही थे, जबकि बाजार पूरी तरह से खुला था. भर्ती प्रक्रिया के खिलाफ बंद का वैसे कोई असर गिरिडीह हो कर गुजरने वाले दिल्ली कोलकाता नेशनल हाईवे में भी यात्री वाहनों से का आवागमन जारी था. डुमरी और बगोदर इलाके में पुलिस गस्त कर रही थी, तो इन रूटों के बाजार खुले थे, और वाहनों का आना जाना भी सुचारू रूप से जारी रहा. कमोबेश, जिला मुख्यालय से गिरिडीह के ग्रामीण इलाकों में बहाली प्रक्रिया योजना अग्निपथ का राष्टव्यापी बंद का गिरिडीह में असर पूरी तरह से असफल रहा. ना कोई संगठन और ना कोई बंद समर्थक ही सड़को पर नजर आए. उपदृवियों से निपटने के लिए हर थाना की पुलिस चोकस थी.

देवघर (DEOGHAR) से रिपोर्टर रितुराज सिन्हा ने खबर भेजी है कि देवघर में भी सेना बहाली के अग्निपथ योजना की घोषणा के बाद से में बवाल मचा हुआ है. पहले युवाओं द्वारा शुरू हुए इसका विरोध अब संगठन के हाथों तक पहुंच चुका है. बंद का मिला जुला असर बाबा नगरी देवघर में देखने को मिल रहा है. पिछले दिनों देवघर में इसके विरोध में युवाओं ने उग्र आंदोलन और पत्थरबाजी भी की थी. इसलिए भारत बंद को देखते हुए जिला प्रशासन पूरी मुस्तैदी के साथ हर गतिविधि पर नज़र बनाई हुए है. सभी संभावित स्थानों पर जिला पुलिस, अर्ध सैनिक बल और झारखंड पुलिस बल की तैनाती की गई है. खास कर जसीडीह रेलवे स्टेशन पर RPF द्वारा विशेष सुरक्षा वयवस्था और चौकसी बरती जा रही है. जसीडीह स्टेशन से गुजरने वाली कई ट्रेनों को भी रद्द किया गया है. जिसमें मुख्य रूप से हावड़ा दिल्ली पूर्वां एक्सप्रेस,जन शताब्दी , कोलकाता दरभंगा, धनबाद पटना, दानापुर टाटा, जसीडीह पटना, बैद्यनाथधाम किउल इत्यादि ट्रैन शामिल हैं. ट्रैन रद्द होने के कारण बस के माध्यम से यात्री अपने गणतंव्य की ओर जा रहे है. यहां रेलवे स्टेशन पर यात्रियों की जनसंख्या कम देखने को मिल रही है. वहीं बस मालिक ने यातायात नियमों का उलंघन करते हुए छत के ऊपर बैठाकर यात्रियों को ले जा रहे है. दूसरी तरफ भारत बंद का असर बाजारों मै देखने को नहीं मिल रहा है. सभी दुकाने खुली हुई है और सड़कों पर यातायात सुचारु रूप से चालू है.

दुमका (DUMKA) से हमारे रिपोर्टर पंचम झा ने खबर भेजी है, इसके अनुसार भारत बंद का दुमका में आंशिक असर देखा जा रहा है. सरकार के आदेश पर जिले के तमाम विद्यालयों को बंद रखा गया है. लंबी दूरी की कुछ बसें एहतियातन खड़ी कर दी गयी है. बाजार की तमाम दुकानें खुली है. रेलवे स्टेशन की सुरक्षा बढ़ा दी गयी है. स्टेशन पर RPF, CRP के साथ जिला बल के जवान मुस्तैद है. एसडीपीओ नूर मुस्तफा अंसारी औऱ नगर थाना प्रभारी खुद पूरे मामले पर नजर बनाए हुए हैं. अभी तक कोई बंद समर्थक सड़कों पर नजर नहीं आ रहे है.

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