धनबाद (DHANBAD): कोयलांचल के लिए मानसून एक बड़ा खतरा लेकर आ रहा है. भूधसान ,गोफ बनने की घटनाएं, जहरीली गैस रिसाव के बढ़ने की आशंका से कोई इनकार नहीं कर सकता है. केवल एक दिन की बारिश में बांसजोड़ा में गैस रिसाव शुरू हो गया है. आने वाले दिनों में राहत और पुनर्वास बीसीसीएल और जिला प्रशासन के लिए समस्या बन सकते है. अभी तो केवल बांसजोड़ा में गैस रिसाव को लेकर दहशत का माहौल है. लेकिन जैसे-जैसे बारिश तेज होगी, घटनाएं भी बढ़ेंगी. यह हम नहीं कह रहे हैं ,बल्कि कोयला क्षेत्र के जानकार लोगों का यह दावा है.
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जानकारों का मानना है कि अवैध उत्खनन के दौरान परित्यक्त खदान सहित अन्य जगहों पर ,जिसमें आउटसोर्सिंग भी शामिल है, अंधाधुन कोयले की अवैध कटाई हुई है. इस कटाई में कोई वैज्ञानिक तरीके का इस्तेमाल नहीं किया गया है. इतना ही नहीं ,परित्यक्त खदानों को सुरक्षित रखने के लिए कंपनियों ने जो पिलर छोड़े थे ,उनको भी काट कर कोयला चोर अपनी आमदनी बढ़ा लिए है. कोयलांचल के बहुत सारे इलाके मसलन झरिया ,भौरा ,कतरास ,बाघमारा ,निरसा ,मैथन में कोयले की अवैध कटाई और भूमिगत आग से पहले से ही खतरा बना हुआ है.
अवैध उत्खनन का दंश झेलना होगा
जानकार बताते हैं कि कई नदी -नाले और जोरियो का पानी इस बार खदान में प्रवेश करेगा और घटनाएं बढ़ेंगी. बागडिगी और गजलीटांड की घटनाएं लोग भूले नहीं है. कल रविवार को थोड़ी से बारिश में ही बांसजोड़ा में भारी गैस का रिसाव शुरू हो गया है और यह रिसाव लगातार जारी है. हालांकि बीसीसीएल प्रबंधन ने इस इलाके को खतरनाक जोन घोषित किए हुए है. बीसीसीएल के ऐसे बहुत सारे क्षेत्र हैं जो खतरनाक घोषित हैं लेकिन अभी भी लोग वहां रह रहे है.

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