रांची (RANCHI): राज्य की आंतरिक क्षमता को विकसित कर हमें प्रत्येक सेक्टर में आगे बढ़ने की जरूरत है. झारखंड का राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला एक आदर्श प्रयोगशाला के रूप में अपनी पहचान बनाए. इस निमित्त आपसभी नवनियुक्त सहायक निदेशक, वरीय वैज्ञानिक पदाधिकारी एवं वैज्ञानिक सहायक अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन करें. अब फॉरेंसिक जांच, डीएनए टेस्ट, नारकोटिक्स जांच सहित अन्य टेक्निकल जांच के लिए सैंपल अन्य राज्यों में न भेजना पड़े इसीलिए राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला को सुदृढ़ और मजबूत बनाया जा रहा है. जरूरत को मद्देनजर रखते हुए राज्य सरकार आने वाले समय में विधि विज्ञान प्रयोगशाला का विस्तार भी करेगी. जांच की वजह से पेंडिंग पड़े वादों का निपटारा जल्द हो यह सरकार की प्राथमिकता है.मुख्यमंत्री ने सभागार में उपस्थित सभी नवनियुक्त पदाधिकारियों को उनके उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं तथा बधाई दीं. मुख्यमंत्री ने कहा कि यह केवल नियुक्ति पत्र नहीं है यह संकल्प पत्र है.  

जांच के अभाव में हजारों कैदी जेलों में है बंद

आदिवासी, दलित, गरीब कमजोर वर्ग के हजारों कैदी जांच के अभाव में  राज्य के विभिन्न कारागारों में बंद पड़े हैं. गृह, कारा एवं आपदा प्रबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में जो आंकड़े मेरे समक्ष लाए गए, उससे तो यह प्रतीत होता है कि ये सभी बंदी छोटे-छोटे जुर्म के आरोप में फंसे हैं और जांच के अभाव में कई वर्षों से राज्य के विभिन्न काराओं में कैदी के रूप में बंद पड़े हैं.ऐसे कैदियों के वादों पर सरकारी संसाधनों का उपयोग से त्वरित जांच प्रक्रिया निष्पादित कर इन्हें न्याय दिलाने का काम हमारी सरकार करेगी.राज्य के विभिन्न कारागारों में 80 से 90% कैदी छोटे-मोटे आरोपों के शिकार बने हैं. ये सभी कैदी आर्थिक रूप से कमजोर, गरीब और पिछड़े वर्ग के हैं. इन्हें विधि सम्मत न्याय मिले यह हम सभी की जिम्मेदारी है. 

झारखंड के नौजवानों में काबिलियत की कमी नही, प्लेटफार्म उपलब्ध करा रही हमारी सरकार

 झारखंड के नौजवानों के काबिलियत पर कोई प्रश्न चिन्ह खड़ा नहीं किया जा सकता है.  सीमित संसाधनों के बावजूद हमारे नौजवानों ने कई क्षेत्रों में राज्य का नाम रोशन कर दिखाया है. इस बार यूपीएससी की परीक्षा में एक साथ हमारे 25 बच्चों ने अपनी क्षमता का प्रदर्शन कर सफलता पाई है. राज्य स्थित नेतरहाट विद्यालय से पढ़कर अबतक सैकड़ों आईएएस,आईपीएस सहित अन्य बड़े पदों में अधिकारी देश के कोने कोने में काबिज हैं.राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला के नवनियुक्त पदाधिकारी जो इस सभागार में उपस्थित हैं 90 से 95% स्थानीय बच्चे हैं, जिन्होंने अपना प्रतिभा को दर्शाया और आज नियुक्ति पायी है.मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि आप सभी लोग राज्य विधि विज्ञान प्रयोगशाला को नई क्षमता, नई ऊर्जा एवं नई सोच के साथ आगे ले जाएंगे.

स्थानीय बच्चों को नई नियुक्ति नियमावलियों का मिल रहा है लाभ

 वर्तमान राज्य सरकार द्वारा सभी विभागों में पड़े रिक्त पदों को भरने का कार्य किया जा रहा है. सरकार गठन के बाद से ही सभी विभागों की नियुक्ति नियमावलियों को दुरुस्त और सुदृढ़ किया गया है,जिसका लाभ झारखंड के स्थानीय बच्चों को मिल रहा है.सरकार ने 12,000 अवर सेवा स्तर के तथा विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए कार्मिक को अधियाचना भेज दी है.बहुत जल्द 40,000 पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू की जायेगी.प्रत्येक महीने किसी न किसी विभाग में नवनियुक्त कर्मियों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है.सामाजिक सुरक्षा, नियुक्ति रोजगार के कार्य सहित राज्य के प्रत्येक पिलर को मजबूत करना हमारी प्राथमिकता है.मुख्यमंत्री ने कहा कि नई नियुक्ति नियमावलियों में कई चीजों को सरल और पारदर्शी बनाया गया है.पहले हमारे बच्चों को प्रतियोगिता परीक्षाओं में आवेदन करने के लिए फॉर्म शुल्क के तौर पर पांच सौ, एक हजार, कभी-कभी पंद्रह  सौ रुपए लगते थे,परंतु हमारी सरकार ने अब यह शुल्क मात्र 50 से 100 रुपए ही रखा है.अब जेपीएससी इत्यादि प्रतियोगिता परीक्षाओं में चार लाख से अधिक बच्चे शामिल होते हैं. 

अब तेज गति से हो सकेगा फॉरेंसिक जांच का कार्य

इस अवसर पर राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह ने हुए कहा कि किसी भी प्रकार की क्राइम की जांच के लिए पुलिस के साथ फॉरेंसिक जांच टीम का होना जरूरी होता है.एक्सपर्ट पदाधिकारियों के अभाव में पहले सैंपल जांच के लिए गुजरात भेजे जाते थे.वहां हमारी जांच को प्राथमिकता नहीं मिलती थी.  इसी कारण पुलिस की जांच प्रभावित होती थी.नवनियुक्त अधिकारियों के प्रति विश्वास जताते हुए मुख्य सचिव ने कहा कि फॉरेंसिक जांच के लिए आये सभी सैम्पल ससमय पर पूरे होंगे, साथ ही बैकलॉग को क्लियर करने की रणनीति पर भी वह काम करें.इसके लिए उन्होंने गृह विभाग से अनुरोध किया कि 15 दिनों के अंदर एक ओवरटाइम सिस्टम काम करने की रणनीति बनाएं, जिसमें काम करने वाले अधिकारियों को सैलरी के साथ इंटेंसिव भी मिले.

गृह विभाग की रिक्तियों को तेज गति से भरा जा रहा है

इस अवसर पर गृह,कारा एवं आपदा विभाग के प्रधान सचिव राजीव अरुण एक्का ने कहा कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व में नियुक्ति कार्यों में तेजी आई है. जेएसएससी और जेपीएससी ने जितनी जल्दी से आज नियुक्ति पत्र पाने वाले अधिकारियों का रिजल्ट दिया है.वह अपने आप में माइलस्टोन है.मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार गृह विभाग में रिक्त पड़े विभिन्न पदों को नियम के तहत जल्द से जल्द भरने की प्रक्रिया शुरू की गई है.93 अधिकारियों को नियुक्ति पत्र दिया जा रहा है.  मौके पर डीजीपी नीरज सिन्हा ने कहा कि पूर्व में क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम के लिए एक समिति बनी थी.समिति ने सुझाव दिया था कि पुलिस की जांच के साथ एक फॉरेंसिक जांच की भी टीम रहे.राज्य में फॉरेंसिक लैब तो था,परंतु जांच के लिए एक्सपर्ट अधिकारियों की कमी थी.