बोकारो (BOKARO) जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोमिया में डॉक्टरों की लापरवाही देखने को मिली है. अस्पताल से डॉक्टरों की लगातार अनुपस्थिति, लेट लतीफी और कुव्यवस्था के कारण एक पिता को अपने बुढ़ापे की लाठी खोनी पड़ी. किडनी की बीमारी से ग्रस्त डायलिसिस पर चल रहे एक युवक दीपक कुमार की तबियत अचानक बिगड़ने पर जब पिता अनिल कुमार आनन फानन में अस्पताल पहुंचे तो वहां उनकी सुनने वाला कोई नहीं था. इलाज के अभाव में बेटे ने दम तोड़ दिया.
घंटे भर तक नहीं आए डॉक्टर
युवक के पिता अनिल कुमार ने बताया कि बेटे की तबियत जब बहुत बिगड़ गई तो 108 एम्बुलेंस बुलाकर बीमार बेटे को लेकर अस्पताल पहुंचे. अस्पताल पहुंचने पर देखा कि इलाज के लिए एक भी डॉक्टर मौजूद नहीं है. रोगी के पिता ने बताया कि एक घंटा से ज्यादा समय तक डॉक्टर के इंतजार में अस्पताल की कुर्सी पर बैठे रहे. इस दौरान इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे कई और मरीज भी डॉक्टर का इंतजार करते दिखे. आखिरकार बेटे ने इलाज के अभाव में दम तोड़ दिया.
जांच करने वाले भी नदारद
इस घटना के बाद गोमिया बीडीओ को मामले की सूचना दी गई. बीडीओ के हस्तक्षेप पर एक डॉक्टर अस्पताल पहुंचे. युवक का जांच करने के बाद युवक की पूर्व में मौत हो जाने की पुष्टि की. परेशान पिता ने बताया कि बेटा किडनी की बीमारी से ग्रस्त था. इसलिए डायलिसिस पर चल रहा था. सोमवार की सुबह अचानक तबियत बिगडी और सांसे रुक गई, लेकिन बेटा का शरीर गरम होने के कारण जीवित होने की आस लेकर अस्पताल पहुंचे कि शायद समय पर इलाज होने से बेटा ठीक हो जाएगा. लेकिन यहां इलाज तो दूर कोई जांच करने वाला भी मौजूद नहीं मिला है.
ड्यूटी पर नहीं आते डॉक्टर
गोमिया के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ जितेंद्र कुमार ने बताया कि वे विभागीय कार्य से बोकारो गए हुए थे. घटना के समय दूसरे डॉक्टर की ड्यूटी थी, परन्तु वे समय से ड्यूटी पर नहीं आई थी. बता दें कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोमिया में इस प्रकार से डॉक्टरों की लापरवाही आम हो गई है. लगातार हो रही घटनाओं के बावजूद अस्पताल प्रबंधन की नींद नहीं खुली है. विधि व्यवस्था में अब तक कोई सुधार देखने को नहीं मिला है, जो काफी चिंताजनक है.
रिपोर्ट : संजय कुमार, गोमिया/बोकारो
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