रांची (RANCHI): मरांग गोमके जयपाल सिंह मुंडा छात्रवृत्ति योजना के तहत पहले चरण में सिर्फ ट्राइबल बच्चे को ही उच्च शिक्षा के लिए विदेश भेजा गया था. लेकिन अब सरकार ने निर्णय लिया है कि अब समाज के अन्य वंचित वर्ग के बच्चे भी इस योजना का लाभ उठा सकेंगे. इसको लेकर आज मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने विदेश राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ब्रिटिश उच्चायोग, नई दिल्ली ने एक MOU पर हस्ताक्षर किये. मौके पर Chevening  Marang Gomke Jaipal Singh Munda Overseas Scholarship 2023 का शुभारंभ भी किया गया. प्रोजेक्ट भवन में हुए कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़े बुजुर्गों ने एक कहावत कही है "शिक्षा वो मां का दूध है जो बच्चा जितना पीएगा वह उतना दहाड़ेगा".  झारखंड देश का पहला राज्य है जो शिक्षा के स्तर को अधिक से अधिक गुणवत्तापूर्ण बनाने को लेकर प्रयासरत है. यहां के युवा छात्र-छात्राएं बेहतर शिक्षा ग्रहण करें इस दिशा में हमारी सरकार प्रतिबद्धता के साथ कार्य कर रही है.  

जयपाल सिंह मुंडा की देश और दुनिया में अलग पहचान

सीएम बोले कि यह पहला अवसर है जब किसी स्टेट गवर्नमेंट ने यूके गवर्नमेंट के साथ ऐसा एमओयू किया हो.  आज से सौ साल पहले झारखंड से एक ट्राइबल युवा जयपाल सिंह मुंडा को ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ने का अवसर मिला था, उन्होंने पढ़ने के साथ-साथ हॉकी में ऑक्सफोर्ड ब्लूज टीम की कप्तानी भी की. उनकी नेतृत्व क्षमता को निखारने के लिए इंग्लैंड में ही उन्हें उचित वातावरण मिला. आज लोग उन्हें मरांग गोमके के नाम से जानते हैं. राज्य, देश और दुनिया में जयपाल सिंह मुंडा की अलग पहचान रही है.

प्रत्येक क्षेत्र में झारखंड के युवा प्रतिभाशाली

हेमंत सोरेन ने कहा कि हमारे देश की महान विभूतियों जैसे महात्मा गांधी, पंडित नेहरू, सरदार पटेल, बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर आदि ने इंग्लैंड से उच्च शिक्षा लेकर देश को मजबूत नींव और सही दिशा देने में अभूतपूर्व भूमिका निभाई है. हमारे देश का सशक्त लोकतंत्र और उत्कृष्ट संविधान इन्हीं महान विभूतियों की देन है. गरीबी युवाओं की प्रतिभा के आड़े आर्थिक मजबूरी न आए इसलिए पिछले वर्ष हमने मरांग गोमके स्कॉलरशिप योजना शुरू की. इस योजना ने युवाओं के सपनों को उड़ान देने में अभूतपूर्व काम किया है. अब हर साल 6-7 नहीं बल्कि 20-25 युवाओं को विदेश पढ़ने के लिए भेजेंगे. इस योजना में वंचित समाज से आने वाले सभी वर्गों के युवाओं को भी जोड़ा गया है. विदेशों में उच्च शिक्षा के लिए जाने वाले हमारे युवा झारखंड के सिर्फ एस्कॉलर्स नहीं हैं, यह हमारे यंग एंबेसडर्स भी हैं.

झारखंड के 8 खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय मंडल खेलों में जीता मेडल

सीएम ने कहा कि हाल ही में बर्मिंघम में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स में झारखंड के सभी आठ खिलाड़ियों ने देश को पदक दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.  राज्य का कोई भी खिलाड़ी खाली हाथ नहीं लौटा सभी ने मेडल जीतने का काम कर दिखाया है.  युवाओं के इसी पोटेंशियल को नया आयाम देने का काम करते आयी है उनके सपनों का सम्मान करते आयी है. राज्य सरकार ने झारखंड के उभरते खिलाड़ियों को प्लेटफार्म उपलब्ध कराने के लिए नई खेल पॉलिसी बनाने का काम किया है. खेल पॉलिसी के तहत खिलाड़ियों को आधुनिक संसाधनों से जोड़ने का काम किया गया है.

क्लाइमेट चेंज की परिकल्पना में झारखंड की भूमिका अहम

सीएम बोले, राज्य जल-जंगल-जमीन के लिए जाना जाता है. सोलर एनर्जी और क्लाइमेट चेंज आदि क्षेत्रों में तेजी से आगे बढ़ने का बहुत पोटेंशियल है. देश के प्रधानमंत्री ने पिछले साल ग्लैसगो में क्लाइमेट चेंज के COP 26 (कॉप 26) अधिवेशन के दौरान 2070 तक नेट कार्बन एमिशन को जीरो करने की देश की प्रतिबद्धता जाहिर की थी. साथ ही 2030 तक देश की नॉन फॉसल एनर्जी कैपेसिटी को 500 गीगावॉट तक पहुंचाने का लक्ष्य तय किया था. 

ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने राज्य सरकार के कार्यों की सराहना की

इस अवसर पर ब्रिटिश हाई कमिश्नर एलेक्स एलिस ने मुख्यमंत्री  हेमन्त सोरेन के नेतृत्व में झारखंड में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे प्रयासों की सराहना की. ब्रिटिश हाई कमिश्नर ने कहा कि झारखंड में बहुत सुंदर वादियां हैं. झारखंड में निवेश की काफी संभावनाएं हैं. यहां निवेश के अनुकूल माहौल तैयार किया गया है. राज्य सरकार अपनी ओर से निवेशकों को पूरा सपोर्ट दे रही है. मौके पर अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के मंत्री चंपई सोरेन, कला, संस्कृति एवं खेलकूद विभाग के मंत्री  हफीजुल हसन, मुख्य सचिव  सुखदेव सिंह, विकास आयुक्त अरुण कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  राजीव अरुण एक्का, मुख्यमंत्री के सचिव  विनय कुमार चौबे, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के सचिव के.के. सोन, आदिवासी कल्याण आयुक्त  मुकेश कुमार, अनुसूचित जनजाति, अनुसूचित जाति, अल्पसंख्यक एवं पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के अपर मुख्य सचिव अजय नाथ झा एवं विशेष सचिव नेसार अहमद सहित ब्रिटिश उच्चायोग के प्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य लोग बड़ी संख्या में उपस्थित थे.