पलामू (PALAMU) : अलामा इकबाल के जन्मदिन सह विश्व उर्दू दिवस पर अब्दुल हमीद इस्लामिक एकेडमी बटोआ के तत्वावधान में आल इंडिया मुशायरा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में दिल्ली की मशहूर शायरा अना देहलवी व फराज देहलवी, कोलकाता के मशहूर शायर रईस आजम हैदरी व शबनम सैयद, इलाहाबाद के मशहूर शायर रुस्तम इलाहाबादी,कानपुर के मशहूर शायर आशिफ सफवी, रांची की हिना बंधन,औरंगाबाद के शब्बीर हसन शब्बीर ,गुलफाम सिद्दीकी व अंजुम आरा, सासाराम के अख्तर इमाम अंजुम व हसन इमाम, डाल्टनगंज के मकबूल मंजर समेत कई शायर और सायरा शामिल हुए. शायरों ने एक से बढ़कर एक कलाम पेश कर सर्द भरी रात में लोगों ने शायरों को खूब दाद दिया. मुख्य शायर अना देहलवी ने अपने गीत कभी कभी दिल हंसता है,कभी कभी दिल रोता है, प्रस्तुत कर खूब लोगों की वाहवाही लूटी. रुस्तम इलाहाबादी के शेर,चाहता है शब गुजारे नित नए यारों के साथ, अब दिल नहीं लगता चांद सितारों के साथ पर लोगों की खूब वाहवाही लूटी. वहीं फराज देहलवी के शेर मस्त हवाएं क्यों आती हैं इतना समझने पर को लोगों ने खूब सराहा. कुदरतुल्लाह कुदरत के शेर चाहती हैं सभी माएं की बेटे हसनैन बने, मगर कोई माएं फातिमा बनने को तैयार नहीं को को खूब वाहवाही मिली. इनके अलावा अन्य शायरों को भी लोगों ने काफी गंभीरता से सुना व सराहना की.कार्यक्रम की अध्यक्षता सैयद गुफरान अशरफी ने की. संचालन नेहाल व कुदरतुल्लाह कुदरत ने संयुक्त रूप से किया.
अध्यक्षता कर रहे सैयद गुलफाम अशरफी ने अपने संबोधन में कहा कि विश्व उर्दू दिवस और शायर अलामा इकबाल के जन्म दिवस पर ऑल इंडिया मुशायरा का आयोजन इस छोटे से गांव में कर कर लोगों में उर्दू को लेकर बेदारी लाने का काम आयोजक परवेज सिद्दीकी ने किया है. उन्होंने कहा कि यह उर्दू के साथ दीनी तालीम के लिए अपने खर्च पर अब्दुल हमीद इस्लामी एकेडमी का संचालन करा रहे हैं. यह 51 बच्चों को खाने पीने के साथ पढ़ने की पूरी व्यवस्था की गई है. इसके अलावा एकेडमी में निःशुल्क इलाके के बच्चों को तालीम दिलाने का काम सराहनीय है.
आयोजक परवेज सिद्दीकी ने कहा कि विश्व उर्दू दिवस पर वह हर साल ऑल इंडिया उर्दू मुशायरा की महफिल सजाने का वह काम करेंगे,जिससे लोगों में उर्दू के प्रति लगाव बढ़े. उन्होंने बताया कि अब्दुल हमीद इस्लामी एकेडमी बटोवा का इस वर्ष और विस्तार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि इलाके के बच्चों के साथ लड़कियों को हाफिज ए कुरान बनाने की व्यवस्था भी की जा रही है. उनकी पूरी व्यवस्था अलग होगी और उसने एक भी शिक्षक या कर्मचारी पुरुष नहीं होंगे उनके रहने खाने की भी व्यवस्था होगी. उन्होंने मुशायरा की कामयाबी के लिए सभी शायरों का शुक्रिया अदा किया व उपस्थित लोगों का आभार जताया. इस मौके पर शायरों, इलाके के गणमान्य लोगों व जनप्रतिनिधियों को माला व अंगवस्त्र देकर सम्मानित भी किया गया.

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