दुमका (DUMKA): दुमका के बासुकीनाथ धाम में विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला लगा है. सावन का महीना शिव उपासना के लिए बेहद खास माना जाता है. यही वजह है कि सावन के महीने में सुल्तानगंज से जल भर कर कांवरिया देवघर स्थित द्वादश ज्योतिर्लिंग बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण के बाद दुमका के बासुकीनाथ धाम पहुंच कर फौजदारी बाबा पर जलार्पण करते है. बासुकीनाथ धाम में जलार्पण के बाद श्रद्धालु प्रसाद सामग्री के साथ साथ अन्य सामानों की जमकर खरीददारी भी करते है.
माप तौल और खाद्य सुरक्षा विभाग ने चलाया अभियान
जिला प्रशासन का यह प्रयास है कि यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो। इसके लिए सभी विभाग समन्वय बनाकर काम कर रहे है. मेला में खरीददारी करने वाले श्रद्धालु को शुद्ध खाद्य सामग्री सही वजन के साथ मिले इसको लेकर खाद्य सुरक्षा विभाग और माप तौल विभाग द्वारा संयुक्त रूप से अभियान चलाया गया. खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा एक तरफ जहां पेड़ा और आचार की गुणवत्ता की जांच की गई वहीं माप तौल विभाग द्वारा सामान्य तराजू, बाट और इलेक्ट्रॉनिक तराजू की जांच की गई.
सत्यापन प्रमाण पत्र देखने के बाद ही लें समान
लगभग एक दर्जन तराजू को जप्त किया गया। सभी दुकानदारों को सत्यापन प्रमाण पत्र लेने का निर्देश दिया गया. इस बाबत विधिक माप विभाग के निरीक्षक राकेश कुमार ने बताया कि सभी दुकानदारों को सत्यापन प्रमाण पत्र लेना आवश्यक है. कार्यालय में आवश्यक दस्तावेज के साथ पहुंच कर प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं. दुकानदारों की सुविधा के लिए सोमवार को जरमुंडी अंचल कार्यालय में कैंप लगाया जाएगा. उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील किया कि समान लेने के पहले सत्यापन प्रमाण पत्र जरूर देख लें ताकि सही वजन मिल सके.
200 Kg सड़ा आचार और 45 लीटर सरसों तेल जप्त, कराया गया नष्ट
खाद्य सुरक्षा पदाधिकारी अमित कुमार राम ने बताया कि मेला क्षेत्र में आचार उर पेड़ा के लगभग 60 दुकानों की जांच की गई. किसी भी दुकान में पेड़ा में मिलावट नहीं पाया गया, जबकि मेला क्षेत्र में सड़ा हुआ अचार रंग मिलाकर बेचा जा रहा था. उन्होंने कहा कि 200 किलोग्राम आचार और 45 लीटर सरसों तेल को जप्त करते हुए नष्ट कराया गया। उन्होंने कहा कि मकशद बस एक ही है कि श्रद्धालु को शुद्ध और सही मात्रा में खाद्य सामग्री मिले.
श्रद्धालुओं की आस्था और स्वास्थ्य के साथ न हो खिलवाड़
यह सच है कि साल दर साल सावन के महीने में बासुकिनाथ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ रही है. मेला के माहौल में दुकानदारों द्वारा बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को मिलावटी सामग्री दिया जाता था, लेकिन हाल के कुछ वर्षों से जिला प्रशासन ने इसपर अंकुश लगाने का प्रयास किया. खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा ताबड़तोड़ कार्यवाही का ही नतीजा है कि पेड़ा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। यहां आचार की बिक्री भी खूब होती है. जांच के दौरान आचार की गुणवत्ता पर सवाल खड़ा हुआ है. जरूरत है लगातार आचार सहित अन्य खाद्य सामग्री की गुणवत्ता की जांच हो ताकि श्रद्धालुओं की आस्था और स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ न हो.
रिपोर्ट: पंचम झा
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