दुमका(DUMKA): दुमका के बासुकीनाथ धाम में विश्व प्रसिद्ध राजकीय श्रावणी मेला लगा है. देश विदेश के श्रद्धालु बिहार के सुल्तानगंज से जल भर कर देवघर के बाबा बैद्यनाथ पर जलार्पण के बाद दुमका के बासुकीनाथ धाम पहुंच कर फौजदारी बाबा पर जलार्पण करते है. कांवरिया से अलग काफी संख्या में ऐसे लोग है जो जीविकोपार्जन की तलाश में बाबा के दर पर पहुंचते है.
किन्नर समाज को भी है बाबा बासुकीनाथ से उम्मीद
महादेव को औघड़दानी भी कहा जाता है. अधिकांश लोग यहां इस उम्मीद पर दुकान लगाते है कि एक महीने की मेहनत से कई महीनों के लिए भोजन पानी की व्यवस्था हो जाएगी. न केवल झारखंड बल्कि बिहार, बंगाल सहित कई राज्य से लोग यहां पहुंच कर दुकान लगाते है. इस सबसे अलग हमारे समाज में एक समुदाय ऐसा भी है जिसे श्रावणी मेला से विशेष उम्मीद रहती है और वह है किन्नर यानी थर्ड जेंडर. किन्नर समाज की लीडर माही किन्नर के नेतृत्व में काफी संख्या में इन दिनों किन्नर का बसेरा बासुकीनाथ धाम में है.
दुआ के बदले भक्त और यजमान से मिलता है उपहार
बासुकीनाथ धाम आने वाल श्रद्धालु एक तरफ फौजदारी बाबा पर जलार्पण कर बाबा से आशीर्वाद ले रहे है तो दूसरी तरफ किन्नर भी श्रद्धालुओं को दिल से दुआ दे रही है. भक्त और यजमान से जो मिल जाता है उसी में खुश है. मान्यता है कि किन्नर की दुआ कबूल होती है. किन्नर समाज की लीडर माही किन्नर बताती है कि सालों भर श्रावणी मेला का इंतजार रहता है. हमारे समाज के लोग अपने यजमान के दिए पैसे से अपना जीवन यापन करते हैं. मेला क्षेत्र में दुकान लगाने वाले दुकानदार भी स्वेच्छा से उपहार देते है. माही किन्नर कहती है कि सभी की मन्नतें भगवान भोलेनाथ पूरा करते हैं. जिस भोलेनाथ पर जलार्पण के लिए श्रद्धालु पहुंचते हैं उन्हीं की कृपा से हम लोगों को रोजगार भी मिल जाता है.
रिपोर्ट: पंचम झा
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