रांची(RANCHI):  झारखंड भाजपा के अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है. दीपक प्रकाश ने यह कार्यकाल पूरा कर लिया है.पार्टी के संविधान के अनुसार 3 साल के बाद नया अध्यक्ष बन सकता है और जब तक नया अध्यक्ष नहीं बनता है तब तक वर्तमान अध्यक्ष  के ही पास कमान होती है.  झारखंड भाजपा में इस बात की बहुत तेज चर्चा है कि आगे की कमान किनके हाथों में होगी. क्या दीपक प्रकाश ही प्रदेश अध्यक्ष बने रहेंगे या फिर कोई परिवर्तन हो सकता है. सभी की नजर भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व पर है. हर दिन प्रदेश कार्यालय में नेताओं के बीच इसकी चर्चा होती है.

कौन होगा अगला प्रदेश अध्यक्ष

देश में लोकसभा का चुनाव अगले साल आरंभ में होने जा रहा है. महत्वपूर्ण बात है कि प्रदेश स्तर पर अगर नेतृत्व परिवर्तन करना है तो अभी सबसे सही समय है और जितना विलंब होगा, उतना ही फिर संकट बढ़ सकता है. किसी भी अध्यक्ष को 1 साल का कम से कम समय चुनाव के मद्देनजर तो मिलना ही चाहिए तभी वह संगठन के स्तर पर पार्टी की तैयारी चुनाव के हिसाब से कर सकेंगे. अब सवाल उठ रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष की सूची में कौन-कौन से नाम चर्चा में हैं. कयास अभी लगाया जा रहा है कि बाबूलाल मरांडी को ही प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व सौंपा जा सकता है. बाबूलाल मरांडी की पार्टी और कार्यकर्ताओं पर अच्छी पकड़ है. भाजपा के लिए फिलहाल झारखंड में सबसे बड़ा चेहरा तो बाबूलाल मरांडी ही हैं.

इन नामों की हो रही चर्चा 

इसके अलावा जो नाम चर्चा में है वह सुदर्शन भगत का है. वैसे अध्यक्ष पद पाने की चाहत में राकेश प्रसाद, प्रदीप वर्मा जैसे लोग भी लगे हुए हैं. यह भी कहा जा रहा है कि अन्नपूर्णा देवी को प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व दिया जा सकता है. भाजपा के कई प्रमुख नेता और कार्यकर्ता है यह मानते हैं कि दीपक प्रकाश ठीक-ठाक तरीके से संगठन को चला रहे हैं और अधिक संभावना है कि उन्हें ही अगले साल तक के लिए अध्यक्ष बने रहने दिया जाए. लेकिन यह बात भी स्पष्ट है कि 2024 में लोकसभा का भी चुनाव है और झारखंड विधानसभा चुनाव का भी. इसी के मद्देनजर केंद्रीय नेतृत्व झारखंड प्रदेश के अध्यक्ष के संबंध में विचार कर रहा है. सामाजिक समीकरण को भी ध्यान में रखा जा रहा है. ऐसी उम्मीद की जा रही कि जल्द ही इस संशय की स्थिति से पर्दा उठेगा.