टीएनपी डेस्क (Tnp desk):-भगवान बिरसा मुंडा के गांव उलीहातू में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के पहुंचने पर जोरदार स्वागत किया गया. यहां मैदान में विशाल जनसभा आयोजित किया गया था. इस मौके पर झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने भी मंच साझा किया और बेबाकी से अपनी बात रखी.
आदिवासी होने पर गर्व
हेमंत सोरेन ने कहा कि उन्हें आदिवासी होने का गर्व है, इस कार्यक्रम के जरिए पूरे देश जुड़ा है, जो एक बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा सिर्फ झारखंड के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए भगवान थे. उन्हीं का तप और त्याग था कि आदिवासियों की हक की बात कही. उनके साथ सिद्धो-कान्हो, भूल-झानो ने भी लंबां संघर्ष और लड़ाई अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी जो अभूतपर्व और ऐतिहासिक थी. हेमंत ने जोर देकर कहा कि आदिवासी समाज अपने हर हक की लड़ाई लड़ता रहा है. चाहे वो अंग्रेंजो के खिलाफ क्यों न हो, यह फांसी पर लटकने के लिए हमेशा तैयार रहा है. लेकिन, दुर्भाग्य की बात ये है कि कभी इतिहासकों ने इन्हें जगह नहीं दी.
आदिवासी समाज के लिए काम नहीं हुआ
झारखंड के मुख्यमंत्री ने अपने अंदर की पीड़ा को भी प्रधानमंत्री के सामने दर्शाया. उनका कहना था कि आदिवासियों के लिए कोई काम नहीं हुआ है. विवशता जाहिर करते हुए उन्होने बोला कि, अगर आदिम जनजातिए समुदाय नहीं बचा तो, फिर हम आदिम जनजाति हो जाएंगे. उन्होंने तर्क दिया कि आज हम चांद पर पहुंच चुके हैं. लेकिन, हमरा आदिवासी समुदाया अभी भी पिछड़ा हुआ है. इसके साथ ही उन्होंने पिछड़ी, अति पिछड़ी और अन्य का समुदाय का भी जिक्र किया, जो पिछड़ेपन का दर्द झेल रहें है . हेमंत ने यह भीं तंज कसते हुए बोला कि आज अंतिम व्यक्ति के विकास की बात कही जाती है, लेकिन, कुछ नहीं हुआ, बल्कि ये बाते सिर्फ अखबारी ही दिखती है.
आदिवासियों को आगे बढ़ाने गुजारिश
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने अपनी सरकार का बखान करते हुए कहा कि आपकी सरकार आपके द्वार कार्यक्रम एक ऐसी योजना है. जो मील का पत्थर साबित हो रही है और लोगों की जिंदगी में बदलाव ला रही है. उन्होनें पीएम मोदी से गुजारिश की आप पूरे देश के प्रधानमंत्री है. लिहाजा, एक ऐसी कार्ययोजना तैयार की जाए ताकि आदिवासी भाई आगे बढ़ सके, उनकी जिंदगी में भी बदलाव हो. उन्होंने प्रधानमंत्री के झारखंड आने पर स्वागत किया औऱ कहा कि ये बेहद ही खुश की बात है.
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